सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से मोदी सरकार का महिला विरोधी चेहरा हुआ बेनकाब: सुर्जेवाला

Edited By Isha, Updated: 18 Feb, 2020 08:35 AM

supreme court verdict exposes anti women face of modi government surjewala

कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा आज सामाजिक न्याय, समानता व लिंगभेद मिटाने के संबंध में दिए गए फैसले को ऐतिहासिक निर्णय करार देते......

कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा आज सामाजिक न्याय, समानता व लिंगभेद मिटाने के संबंध में दिए गए फैसले को ऐतिहासिक निर्णय करार देते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने देश की सेना में राष्ट्र की करोड़ों महिलाओं व बेटियों को बराबरी का अधिकार देते हुए यह साफ कर दिया है कि महिला व पुरुष का लिंगभेद न कर महिलाओं को ‘परमानैंट कमीशन’ यानी पुरुषों के समान स्थायी भूमिका देना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि भारत की नारी के शौर्य, क्षमता, राष्ट्रसेवा में नए कीर्तिमान स्थापित करने की कवायद को भूल कर भी कम आंकना पूर्णत: असंवैधानिक भी है तथा भारतवर्ष की सदियों से चली आ रही परिपाटी व परम्पराओं का अपमान भी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। आज जारी एक बयान में सुर्जेवाला ने कहा कि इस फैसले से मोदी सरकार का महिला विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के महिलाओं को संपूर्ण कमांड न देने, परमानैंट कमीशन न देने, देश सेवा में लड़ाकू भूमिका न देने, महिलाओं की शारीरिक भिन्नता और घरेलू दायित्वों के कारण सैनिक भूमिका का निर्वहन न कर पाने तथा पुरुष सैनिकों द्वारा महिलाओं के आदेश न मानने वाले भेदभावपूर्ण तथा महिला विरोधी कुतर्को व दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया तथा कहा कि यह महिलाओं के साथ-साथ सेना का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि यही नहीं मोदी सरकार द्वारा ‘लिंगवादी रूढिय़ों’ व ‘महिला विरोधी दकियानूसी सोच’ को सिरे से खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि सरकार की सोच व मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है। 

सुर्जेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने रक्षा मंत्रालय के माध्यम से साल 2019 में एक और नीति बनाई थी, जिसके मुताबिक महिलाओं को केवल ‘स्टाफ पोस्टिंग’ में ही स्थायी कमीशन दिया जा सकता है व 14 साल से अधिक सेना की सेवा में सेवारत महिला अधिकारियों को परमानैंट कमीशन नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्वाग्रह से ग्रस्त इस 2019 की मोदी सरकार की नीति को भी सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ‘‘14 वर्ष से अधिक की सेवा के लिए महिलाओं को स्थायी कमीशन देने से इंकार करना न्यायसंगत नहीं है।’’ 

कांग्रेस नेता ने कहा कि सर्वाेच्च न्यायालय के इस निर्णय का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है। एक बार फिर यह साबित हो गया कि दकियानूसी विचारों वाली भाजपा, महिलाओं को पीछे धकेलने वाली संघ परिवार की मानसिकता तथा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को दोयम दर्जा देने वाली मोदी सरकार कभी भी महिला शक्ति के तेज, शौर्य और सबलता को नहीं हरा पाएगी। देश की महिलाएं इन ताकतों को सिरे से खारिज करेंगी।
   

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