Edited By Yakeen Kumar, Updated: 10 Sep, 2025 05:32 PM

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक संस्थान को कड़ी फटकार लगाते हुए MBA की एक छात्रा का 4 साल से लंबित अंतिम परीक्षा परिणाम 10 दिनों के भीतर जारी करने का आदेश दिया है।
चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रोहतक को कड़ी फटकार लगाते हुए MBA की एक छात्रा का 4 साल से लंबित अंतिम परीक्षा परिणाम 10 दिनों के भीतर जारी करने का आदेश दिया है। अदालत ने संस्थान पर पहले के आदेशों का आंशिक पालन करने पर नाराजगी भी जताई।
जस्टिस हखीत कौर जीवन ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि संस्थान ने केवल 30 हजार रुपये का मुआवजा दिया, जबकि अदालत ने 2 लाख रुपये देने और परिणाम घोषित करने का आदेश जुलाई 2024 में दिया था। याचिकाकर्ता का आरोप है कि संस्थान ने जानबूझकर आदेश लागू नहीं किया और उनका परिणाम रोके रखा।
छात्रा ने लगाए थे यौन उत्पीड़न के आरोप
पीड़ित 2018-20 बैच की छात्रा है और उसने फरवरी 2020 में कुछ अधिकारियों और एक छात्र पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसके बाद संस्थान ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी, जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था। अदालत ने स्पष्ट किया कि आदेश का पालन न करना न्यायालय की अवमानना है और परिणाम शीघ्र घोषित किया जाए।
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