लोकसभा चुनाव : चुनावी डयूटी में बाधा डालने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, सजा का भी प्रावधान

Edited By Isha, Updated: 23 May, 2024 05:13 PM

strict action will be taken against those who obstruct election duty

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में हो रहे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान पार्टियां 24 मई को मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी। चुनाव डयूटी पर जा रहे मतदान दल के कार्य में अगर कोई असामाजिक तत्व या राजनीतिक पार्टियां...

चंडीगढ़:  हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में हो रहे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान पार्टियां 24 मई को मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी। चुनाव डयूटी पर जा रहे मतदान दल के कार्य में अगर कोई असामाजिक तत्व या राजनीतिक पार्टियां अपने प्रभाव के चलते उनकी डयूटी में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न करते हैं तो उनके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अग्रवाल ने बताया कि पोलिंग पार्टियों की पहली रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया 24 अप्रैल को तथा प्रशिक्षण का कार्य और 6 मई, 2024 को किया जा चुका है। दूसरी रेंडमाइजेशन 10 मई तथा प्रशिक्षण 19 मई को पूरा किया जा चुका है। अब 24 मई को यह सभी पोलिंग पार्टियां अपने-अपने मतदान केंद्र के लिए रवाना होंगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में लोकसभा आम चुनाव 2024 तथा करनाल विधानसभा उपचुनाव हेतु 25 मई को मतदान होगा। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

उन्होंने बताया कि मतदान केंद्र के अंदर यदि किसी व्यक्ति का आचरण सही नहीं है या पीठासीन अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करता है तो उसे डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी द्वारा मतदान केंद्र से बाहर निकाल दिया जाएगा। उसके बाद भी यदि वह व्यक्ति पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना मतदान केंद्र में पुनः प्रवेश करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 132 के तहत उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और 3 माह की जेल या जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।

मतदान केंद्र में हथियार लेकर आने पर 2 साल की कैद की सजा का प्रावधान

उन्होंने बताया कि रिटर्निंग अधिकारी, प्रिजाइडिंग अधिकारी, पुलिस ऑफिसर या कोई अन्य व्यक्ति जिसे मतदान केंद्र के अंदर शांति और व्यवस्था कायम रखने हेतु डयूटी पर तैनात किया गया हो, उन्हें छोड़कर यदि कोई व्यक्ति हथियार के साथ मतदान केंद्र में आता है तो उसे एक अपराध माना जाएगा। इसके लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 134 बी के तहत 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।

  मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि प्रिजाइडिंग ऑफिसर को किसी कारणवश लगता है कि किसी व्यक्ति ने बैलेट पेपर या ईवीएम को मतदान केंद्र से बाहर ही हटाया निकाला है तो वह उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है या पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार करने निर्देश दे सकता है या उसे ढूंढने के निर्देश दे सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135 के तहत उस व्यक्ति को एक साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।

मतपत्र या ईवीएम पर लगे आधिकारिक चिह्न को धोखाधड़ी से नष्ट करने पर 2 साल तक की सजा का प्रावधान

उन्होंने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 136 के तहत चुनाव प्रतिबद्धता की दृष्टि से अपराध करने हेतु यदि कोई व्यक्ति किसी मतपत्र या ईवीएम या किसी मतपत्र या ईवीएम पर लगे आधिकारिक चिह्न को धोखाधड़ी से विरूपित या नष्ट कर देता है या किसी मतपेटी में मतपत्र के अलावा कुछ भी डाल देता है, या प्रतीक/नाम/पर कोई कागज, टेप आदि चिपका देता है। इस स्थिति में यदि यह अपराध चुनाव डयूटी पर तैनात किसी अधिकारी या क्लर्क द्वारा किया जाता है तो तो 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं। यदि यह अपराध किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया जाता है तो उसे 6 माह की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।

इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए स्वेच्छा से साधारण या गंभीर चोट पहुंचाता है या हमला करता है तो उसे भारतीय दण्ड संहिता की धारा 332, 333 व 353 के तहत 2 साल से 10 साल की कैद और जुर्माना लगाया जाएगा।

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