Edited By Manisha rana, Updated: 22 Jun, 2024 11:26 AM
कैथल जिले में अवैध रूप से चल रहे 100 अधिक प्राइवेट कोचिंग सेंटरों पर अब लगाम लगने जा रही है। जिले में अब बगैर मंजूरी के कोई भी कोचिंग सेंटर नहीं चल सकेगा। सरकार ने इसके लिए नया कानून बना दिया है। जिसमें डी.सी की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय कमेटी का...
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : कैथल जिले में अवैध रूप से चल रहे 100 अधिक प्राइवेट कोचिंग सेंटरों पर अब लगाम लगने जा रही है। जिले में अब बगैर मंजूरी के कोई भी कोचिंग सेंटर नहीं चल सकेगा। सरकार ने इसके लिए नया कानून बना दिया है। जिसमें डी.सी की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें डी.सी के अलावा एस.पी, डी.ई.ओ, जिला लेखा अधिकारी व सरकारी कॉलेज के एक प्रिंसिपल सहित प्राइवेट कोचिंग सेंटरों के दो प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। यह कमेटी संस्थानों से आवेदन प्राप्त होने के 45 दिन के अंदर उनके दस्तावेज को जांच उन्हें तीन साल के लिए पंजीकरण का प्रमाण पत्र देगी। इस कानून में कमेटी के पास शक्तियां होंगी, अगर कोई कोचिंग सेंटर किसी भी नियम की उलंघना करेगा तो उसे पहली बार 25 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। दूसरी बार में एक लाख जुर्माना लगाया जाएगा, यदि तीसरी बार में भी संस्था के खिलाफ आरोप साबित होता है तो संस्थान का रजिस्ट्रेशन समाप्त किया जाएगा।
बता दें कि शहर के अंबाला रोड, ढांड रोड और करनाल रोड सहित बाजार व रिहायशी इलाकों में 50 से अधिक कोचिंग सेंटर शामिल हैं। जिनके बाहर इनके संचालकों द्वारा बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी और अच्छे नंबर दिलाने के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं। इनमें युवाओं को विभिन्न कोर्सों में 100 प्रतिशत सिलेक्शन करवाने का भी दावा किया गया है। इनके लुभावने दावों के कारण ही ग्रामीण क्षेत्र से हर रोज हजारों की संख्या में युवा इनमें कोचिंग लेने आते हैं। जबकि सरकार के आदेश अनुसार अब कोई भी कोचिंग सेंटर संचालक इस तरह का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता।
जिले के सिर्फ एक कोचिंग सेंटर के पास नही है फायर NOC
पुरे जिले में 100 से अधिक कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। ऐकले कैथल शहर में इनकी संख्या 50 से अधिक है। इनमे से सिर्फ कोचिंग सेंटर के पास ही फायर एन.ओ.सी नहीं है। कई कोचिंग सेंटर तो शहर की आबादी के बीच काफी तंग गलियों में खुले हुए हैं। जिनके आगे हर समय अतिक्रमण रहता है। ऐसे में यदि वहां आग लग जाए तो दमकल विभाग की गाड़ी भी नहीं पहुंच सकती। यदि इनमे किसी कारण आगजनी हो जाए तो भारी जानमाल का नुकसान होगा। अग्निशमन विभाग द्वारा इनको कई बार नोटीस भी दिए गए हैं, लेकिन इनके संचालक इसको गंभीरता से नही ले रहे हैं। जिनको किसी भी प्रशासनिक कार्रवाई का डर नहीं है।
ये हैं कोचिंग सेंटरों के नियम
कोचिंग सेंटरों की डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी के पास रजिस्ट्रेशन करवाने की बात कही गई है। कोचिंग के दौरान स्टूडेंट्स के तनाव के देखते हुए उनकी साइकोलॉजी और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखने की भी जिम्मेवारी संचालक की होगी। इसके लिए एक परामर्शदाता को भी रखा जाएगा। कोचिंग सेंटर में अग्नि सुरक्षा, भवन सुरक्षा के मानदंडों के नियमों की पालना करना भी जरूरी है। नियमों में यह भी कहा गया है कि जब तक किसी कैंडिडेट से सहमति नहीं ली जाती तब तक उसका फोटो, वीडियो, नाम या फिर ब्यौरा विज्ञापन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कोचिंग संस्थान को बिना स्टूडेंट से सहमति लिए उसकी रैंक, मार्क्स के बारे में अपने लाभ के लिए नहीं दिखाया जा सकता।
जिले में 100 से अधिक कोचिंग सेंटर और शिक्षण संस्थान चल रहे हैं। इनमें से सिर्फ शहर के एक सेंटर के पास एन.ओ.सी है। सभी को पहले भी नोटिस दिए गए थे। अब इनकी लिस्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही बिना एन.ओ.सीके चल रहे कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई की जाएगी।
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