Edited By Isha, Updated: 21 Nov, 2024 05:13 PM
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वीरवार को सिरसा में बाबा सरसाईनाथ राजकीय मेडिकल मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन किया
सिरसा(सतनाम): मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वीरवार को सिरसा में बाबा सरसाईनाथ राजकीय मेडिकल मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री कुमारी आरती राव ने की। इस मौके पर डेरा बाबा सरसाईनाथ के महंत सुंदराईनाथ, सिरसा के विधायक गोकुल सेतिया, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा, उडीसा के पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, स्वास्थ्य विभाग की एसीएस सुमित्रा मिश्रा, डॉ. साकेत कुमार सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। मुख्यमंत्री नायब सैनी व अन्य गणमान्यों ने मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन किया। इससे पहले सीएम नायब सिंह सैनी ने पौधरोपण भी किया है।
इसके पश्चात अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बाबा सरसाईं नाथ जी एक महान संत थे। जिन्होंने शाहजहां के बेटे दारा शिकोह को जीवनदान दिया। उनके नाम पर सिरसा में बनने वाले मेडिकल कॉलेज में आने वाला हर मरीज निरोग होकर जाएगा। उन्होंने कहा कि करीब 21 एकड़ भूमि में 1010 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज तैयार होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सिरसा में साढ़े पांच एकड़ भूमि पर कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर भी बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पांच नए मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया जारी है । प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 15 हो गई है। 10 साल में डबल इंजन की सरकार ने बेहतर काम किया है। पहले हरियाणा में काम धीमा था। मेडिकल कॉलेज भिवानी का काम लगभग पूरा हो चुका है। डबल इंजन की सरकार ने विकास की रफ्तार को बढ़ाया है। फरीदाबाद, पंचकूला, रेवाड़ी में नर्सिंग कॉलेज खोले गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर गरीब व्यक्ति को निशुल्क चिकित्सा सेवा मिले।
अब हर गरीब परिवार को मेडिकल सेवाएं मिल रही हैं। पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा योजना दी जा रही है। हरियाणा में चिरायु हरियाणा योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 70 आयु की उम्र के बुजुर्गों के लिए इलाज मुफ्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हरियाणा में भी योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि अपने बच्चों को नशे से दूर रखें। किसान भाई पेस्टिसाइड का उपयोग कम करें, हमें प्राकृतिक खेती का रास्ता अपनाना चाहिए।