गोहाना में संत कबीर के नाम पर होगा एक चौक का निर्माण, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

Edited By Saurabh Pal, Updated: 22 Jun, 2024 08:31 PM

a square will be built in the name of sant kabir in gohana

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि संत कबीरदास  के 626वें प्रकाश पर्व पर उन्हें नमन किया। इस दौरान सीएम ने प्रदेश सरकार की अंत्योदय की भावना को धरातल पर उतारते हुए गरीब व्यक्ति को मजबूत व सशक्त बनाने के लिए कई घोणाएं की...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि संत कबीरदास  के 626वें प्रकाश पर्व पर उन्हें नमन किया। इस दौरान सीएम ने प्रदेश सरकार की अंत्योदय की भावना को धरातल पर उतारते हुए गरीब व्यक्ति को मजबूत व सशक्त बनाने के लिए कई घोणाएं की, जिनमें मुख्यतः गोहाना में संत कबीर के नाम से चौक का निर्माण, गोहाना धानक शिक्षा सभा को लाइब्रेरी व लंगर हाल का निर्माण के लिए 31 लाख रुपये की राशि, भूमि उपलब्ध होने पर रोहतक-जींद रोड पर बाईपास का निर्माण और सरकारी नौकरियों में बैकलाग को जल्द से जल्द पूरा किया करना शामिल है। इसके अलावा प्रथम व द्वितीय श्रेणी की पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने के लिए न्यायालय में सरकार द्वारा पूरजोर पैरवी करने का आश्वासन दिया।

सीएम ने शनिवार को सोनीपत के गोहाना में आयोजित राज्यस्तरीय संत कबीरदास जयंती समारोह में जनसमूह को बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। मुख्यमंत्री ने संत कबीर दास के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं की। जिनमें मुख्यतः गोहाना में संत कबीर के नाम से चौक का निर्माण, गोहाना धानक शिक्षा सभा को लाइब्रेरी व लंगर हाल का निर्माण के लिए 31 लाख रुपये की राशि, भूमि उपलब्ध होने पर रोहतक-जींद रोड पर बाईपास का निर्माण और सरकारी नौकरियों में बैकलाग को जल्द से जल्द पूरा किया करना शामिल है। इसके अलावा प्रथम व द्वितीय श्रेणी की पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने के लिए न्यायालय में सरकार द्वारा पूरजोर पैरवी करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार संत कबीर दास की शिक्षाओं व दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए सर्व समाज के हित में काम कर रही है। गरीब व्यक्ति को आर्थिक व सामाजिक रूप से मजबूत बनाने के लिए  सरकार ने कई कल्याणकारी य़ोजनाएं चला रखी हैं।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर जी का पूरा जीवन समाज में फैले अंधविश्वास, जात-पात व रूढ़ीवादी परंपराओं को समाप्त करने के लिए समर्पित रहा, ताकि समस्त समाज का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि कबीर जी के दोहों के एक-एक शब्द प्रेरणादायक है और हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उनकी शिक्षाओं में संस्कृति और संस्कार भी है। उन्होंने कहा कि संत कबीर सर्वधर्म संभाव के प्रतीक हैं। हमारे देश में विभिन्न जाति, सम्प्रदायों के मानने वाले लोग रहते हैं और सभी के हृदय में भगवान का वास है। इसलिए हमें बिना भेद-भाव के मानवता से प्रेम करना चाहिए। परंतु उन्हें दुख हैं कि कई राजनैतिक दल महापुरुषों के नाम पर भी राजनीति करके समाज में भेद-भाव फैलाने का काम कर रहे हैं, ताकि वे अपने राजनैतिक स्वार्थ को पूरा कर सके। ऐसे लोगों से सर्तक रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि एक नागरिक के तौर पर सभी संवैधानिक अधिकार देने की रचना करने वाले संविधान निर्माता भारत रत्न डा. भीम राव आंबेडकर के दर्शन को भी उन्होंने नहीं बख्शा और संविधान बदलने का दुष्प्रचार किया। उन्होंने कहा कि संविधान कोई किताब मात्र नहीं बल्कि भारत माता की आत्मा है, लेकिन राजनैतिक स्वार्थ के लिए गलत प्रचार करके लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई राजनैतिक दलों को देश में शांति और विकास नहीं भाता है, बल्कि उन्हें भेदभाव व अशांति चाहिए। उनका मानना है कि देश में जितनी अशांति और भेदभाव होगा। उतना ही उन्हें राजनैतिक लाभ मिलेगा।

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