हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में होगा बड़ा 'गेम', कांग्रेस के दिग्गज पर बीजेपी की नजर !

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 15 Jun, 2024 03:49 PM

there will be a big game in the rajya sabha elections in haryana

लोकसभा चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव पर है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट...

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): लोकसभा चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव पर है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव होना है। हालांकि राज्यसभा के होने वाले इस उपचुनाव को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष को नसीहत दे चुके हैं, लेकिन कांग्रेस या फिर किसी दूसरे दल की ओर से उनके बयान पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। वहीं, बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए खुद के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी की नजर हरियाणा कांग्रेस के कई बड़े चेहरों पर है, जिनमें से किसी एक को वो राज्यसभा के चुनाव में उतार सकती है। इसी कड़ी में किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी का नाम भी चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है। हालांकि राजनीति में आने के बाद से किरण चौधरी ने आज तक कांग्रेस पार्टी को अलविदा नहीं कहा। इतना ही नहीं वो अब भी खुद के कट्टर कांग्रेसी होने का दावा करती है। पूर्व में जब चौधरी बंसीलाल ने कांग्रेस से अलग होकर हरियाणा विकास पार्टी बनाई थी तो उनके बेटे सुरेंद्र सिंह भी उनके साथ हविपा में चले गए थे, लेकिन किरण चौधरी उस समय भी कांग्रेस में ही रही थी। अब कांग्रेस की ओर से किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी को अनदेखा करते हुए महेंद्रगढ़-भिवानी लोकसभा क्षेत्र से पार्टी की टिकट विधायक राव दान सिंह को दे दी थी, जो बीजेपी उम्मीदवार के सामने टिक नहीं पाए। हालांकि अपनी हार के पीछे राव दान सिंह ने किरण चौधरी और उनके समर्थकों को इसका जिम्मेदार ठहराया है। ऐसे में चर्चा है कि किरण चौधरी अपनी बेटी के साथ बीजेपी में शामिल हो सकती है और बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी की ओर से उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। हालांकि किरण चौधरी की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन कहते हैं कि राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। किरण चौधरी पूर्व की भांति आज भी खुद को पक्की कांग्रेस नेता ही कहती है। किरण चौधरी के अलावा बीजेपी की नजर कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं पर भी लगी है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि राज्यसभा में खाली हुई हरियाणा के हिस्से की सीट को लेकर कांग्रेस और बीजेपी की ओर से आने वाले समय में क्या रणनीति अपनाई जाएगी ?

राज्यसभा में हरियाणा का समीकरण

हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के सांसद थे, लेकिन रोहतक से लोकसभा सांसद का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने राज्यसभा से अपना इस्तीफा दे दिया है, चूंकि दीपेंद्र हुड्डा 10 अप्रैल 2020 को राज्यसभा के लिए चुने गए थे। ऐसे में 9 अप्रैल 2026 तक उनका कार्यकाल था, जिसके पूरा होने से पहले ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। मौजूदा हालात पर नजर डाले तो हरियाणा से फिलहाल बीजेपी की ओर से तीन राज्यसभा सांसद है, जिनमें सुभाष बराला, कृष्णलाल पंवार, रामचंद्र जांगडा शामिल है। इसके अलावा कार्तिकेय शर्मा ने भले ही आजाद प्रत्याशी के तौर पर राज्यसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें बीजेपी का समर्थन था। यानी फिलहाल हरियाणा से मौजूद चारों राज्यसभा सांसद बीजेपी से ही संबंधित है। ऐसे में देखना होगा कि दीपेंद्र के इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा सीट पर क्या खेला होता है ?

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