महासम्मेलन में सामने आई जाट आंदोलन की रणनीति व योजनाएं (VIDEO)

Edited By Shivam, Updated: 02 Jun, 2018 07:02 PM

कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच रोहतक के जसिया में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति जाट महासम्मेलन शुरू हुआ। आंदोलन की अगुवाई कर रहे जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा आने वाले दिनों में सीएम और उनके मंत्रिमंडल को गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा। वहीं...

रोहतक (दीपक भारद्वाज): कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच रोहतक के जसिया में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति जाट महासम्मेलन शुरू हुआ। आंदोलन की अगुवाई कर रहे जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा आने वाले दिनों में सीएम और उनके मंत्रिमंडल को गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा। वहीं आंदोलन की नीतियां को सार्वजनिक किया गया। समिति की ओर से जारी एक पत्र में जाट आंदोलन की कुछ योजनाओं व नीतियों का उल्लेख किया गया है। जोकि निम्रवत हैं:-

  • 16 अगस्त 2018 से हरियाणा में प्रदेश के मुयमंत्री व मंत्रियों के कार्यक्रमों होने वाले किसी भी कार्यक्रम स्थल में संघर्ष समिति अपना धरना देगी, और मांगे पूरी होने तक सरकार के सभी कार्यक्रमों का विरोध समिति द्वारा किया जाएगा।
     
  • समिति ने ये भी कहा है कि 16 अगस्त से पहले यदि प्रदेश सरकार का कोई राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम प्रदेश में आयोजित होगा तब भी आंदोलन की शुरूआत हो सकती है।
     
  • समिति ने मांग की है कि केन्द्र सरकार जुलाई महीने में राष्ट्रीय, सामाजिक व शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग के संसद में लंबित बिल का पास करे।

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  • 15 जून से 15 अगस्त तक हरियाणा के सभी गांव, हल्का, बलॉक, तहसील व जिले स्तर पर भाईचारा सममेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें दूसरी पिछड़ी जाति व दलित जाति के लोगों व किसानों, सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले सभी संगठनों को भी एक मंच पर लाकर आंदोलन का रूप दिया जाएगा।
     
  • राजस्थान व मध्य प्रदेश जाट बाहुल्य राज्य है, जिनमें इसी साल दिसंबर में विधान सभा चुनाव है, जहां जाटों द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन कर जाटों के खिलाफ होने वाले सरकार के अत्याचारों को मुद्दा बनाया जाएगा। इसी तहर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखण्ड, हिमाचल व पंजाब के साथ अन्य राज्यों में जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर धरने प्रदर्शन किया जाएगा।
     
  • समिति की योजना है कि देश भर में ओबीसी के लिए आंदोलन चला रहे पटेल, मराठा, कापू आदि जातियों के मिलकर भी भविष्य में आंदोलन किया जाएगा।
     
  • हरियाणा सरकार जिस तरह से उच्च न्यायालय में अपना पक्ष रख कर ईबीपीजीसी के कण्डीडेटों की ज्वाईनिंग करवा रही है, उसी प्रकार एसबीसी के कंडीडेटों को ज्वाईनिंग दी जाए।

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