प्ले स्कूल चलाना अब ‘बच्चों का खेल’ नहीं, आगामी सत्र के लिए मान्यता लेनी अनिवार्य

Edited By Isha, Updated: 25 Feb, 2020 11:26 AM

running of play school is no longer a children s play

जिले में अब कोई भी प्ले स्कूल बिना मान्यता के संचालित नहीं हो पाएगा। आगामी सैशन 2020-21 के लिए सभी प्ले स्कूलों के लिए मान्यता लेना सरकार ने अनिवार्य कर दिया है। अगर कोई स्कूल ऐसा न

फरीदाबाद (सुधीर राघव): जिले में अब कोई भी प्ले स्कूल बिना मान्यता के संचालित नहीं हो पाएगा। आगामी सैशन 2020-21 के लिए सभी प्ले स्कूलों के लिए मान्यता लेना सरकार ने अनिवार्य कर दिया है। अगर कोई स्कूल ऐसा नहीं करेगा तो उसे न केवल बंद करवा दिया जाएगा, बल्कि स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।  दरअसल, हरियाणा शिक्षा विभाग नियमों के मुताबिक स्कूलों को पहली से 12वीं कक्षा तक मान्यता देता है। इसमें प्ले स्कूलों का कोई जिक्र नहीं है। इसी वजह से कुछ महीने पहले नर्सरी, केजी और यूकेजी कक्षाओं को बंद करने का फरमान भी मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी कर दिया था। सलेकिन बाद में स्कूलों के विरोध के चलते इस नियम को वापस ले लिया गया। 

अगर आपका बच्चा प्ले स्कूल में पढ़ता है या अगले साल पढऩे वाला है तो उसकी सुरक्षा अब ताक पर नहीं रखी जा सकेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मार्फत सर्वे करवाया तो यह जानकारी सामने आई कि जिले में करीब 800 से अधिक प्ले स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्ले स्कूलों को आदेश दे दिए गए हैं कि वे आगामी 25 फरवरी तक अपनी फाइलें जमा करवा दें। ताकि इन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए भेजा जा सके। प्ले स्कूलो के पंजीकरण को लेकर विभाग द्वारा ब्लॉक लैवल पर बकायदा निरीक्षण कमेटी का भी गठन किया गया है। स्कूलों को सरकार द्वारा जारी की गई गाइड लाइंस के अनुसार एक साल के लिए पंजीकरण करवाना होगा।

इन नियमों का पालन जरूरी स्कूल में खेलने के लिए अलग से प्ले ग्राउंड 

  •  3-4 घंटे से अधिक नहीं लगा सकते क्लास 
  •  3 से 6 साल तक के बच्चों को ही पढ़ा सकते हैं 
  •  स्कूल के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से अनुमति लेनी होगी। 
  •  प्ले स्कूलों की हर साल मान्यता रिन्यू अनिवार्य है। 
  • बच्चों की फीस होगी निर्धारित
  • बच्चों के लिए रैस्ट रूम और दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय होंगे। 
  •  लड़के व लड़कियों के लिए अलग से स्व४छ शौचालय की व्यवस्था। 
  • प्राथमिक उपचार यानी फस्र्ट एड की सुविधा। 
  • प्ले ग्राउंड और परिसर में सीसीटीवी और फायर सेफ्टी प्रबंध हो। 
  •  लाइब्रेरी की व्यवस्था भी की जाए। 
  • पैरेंट्स-टीचर एसोसिएशन का गठन होना चाहिए। 
  • 20 बच्चों पर एक टीचर और एक केयर टेकर होगी। 

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