Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 30 Jun, 2025 05:56 PM

साइबर ठगी के लिए लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर कराए जाने का खेल चाइना के लोगों द्वारा खेला जा रहा है। यह डिजिटल अरेस्ट करने का खेल केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के कई देशों में खेला जा रहा है।
गुड़गांव,(पवन कुमार सेठी): साइबर ठगी के लिए लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर कराए जाने का खेल चाइना के लोगों द्वारा खेला जा रहा है। यह डिजिटल अरेस्ट करने का खेल केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के कई देशों में खेला जा रहा है। इसके लिए कम्बोडिया देश में अलग कॉल सेंटर भी बनाया गया है जिसमें तीन चरण में साइबर ठगी की जाती है। यह खुलासा गुड़गांव पुलिस द्वारा साइबर ठगी के मामले में अरेस्ट की गई एक महिला ने किया है। यह महिला कम्बोडिया देश में Mango Park नामक एक कॉल सेंटर में काम करती थी और इसका कार्य खुद को पुलिस, सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करना और उन पर दबाव बनाकर रुपए ट्रांसफर करवाना था।
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गुड़गांव पुलिस ने एक मामले में गुड़गांव के एक व्यक्ति से हुई ठगी के मामले में जब जांच शुरू की तो उस मामले के तार कम्बोडिया देश से जुड़े। जिसके बाद वहां की पुलिस से संपर्क कर महिला को किसी तरह से भारत भिजवाने की बात कही और उस महिला के दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उसे काबू कर लिया गया जिसकी पहचान गुजरात की रहने वाले 24 वर्षीय खुशबू के रूप में हुई।
पुलिस की मानें तो प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि खुशबू ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की और साल 2023 में अपनी एक दोस्त के पति के माध्यम से दुबई में नौकरी करने के लिए गई थी। अगस्त 2024 में वह दुबई से कम्बोडिया चली गई और कम्बोडिया की राजधानी Phnom Penh में स्थित Mango Park नाम के एक कॉल सेंटर में डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी करने वाली प्रथम चरण की टीम के साथ साइबर ठगी करने में संलिप्त थी। इस कार्य के लिए खुशबू को 700 अमेरिकन डॉलर बतौर सैलरी मिलती थी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी खुशबू से पूछताछ में सामने आया कि गुड़गांव की महिला से ठगी गई राशि में से 39 लाख रुपए उसने एक अन्य आरोपी सुरेंद्र के बैंक में ट्रांसफर किए थे। आरोपी सुरेंद्र ने अपना बैंक खाता मितेश को 5 लाख रुपए में बेचा था। मितेश ने बताया कि उसने यह बैंक खाता अपने भाई भार्गव जो दुबई में रहता है, के कहने पर उपरोक्त आरोपी महिला खुशबू को बेचा था।
पूछताछ में खुशबू ने बताया कि वह जिस साइबर क्राइम के कॉल सेंटर में काम करती थी वहां साइबर फ्रॉड का काम 3 चरणों में किया जाता है। प्रथम चरण में लोगों को साइबर फ्रॉड जैसे मोबाइल नंबर अपडेट, आधार कार्ड का प्रयोग गलत कामों में किया गया का भय दिखाया जाता है और मुकदमा दर्ज करने के बारे में बोला जाता है। दूसरे चरण में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर उनको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है। तीसरे चरण में कस्टम अथवा इनकम टैक्स अधिकारी बनकर उनसे बैंक खाते में रुपए ट्रांसफर कराए जाते हैं। आरोपी खुशबू डिजिटल अरेस्ट के लिए किए जाने वाली साइबर ठगी के प्रथम चरण वाली टीम में काम करती है।
खुशबू ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि वह जिस कॉल सेन्टर (Mango Park, Phnom Penh, Cambodia) में कार्य करती थी, उसे चाइना मूल के लोग संचालित करते हैं और उस कॉल सेंटर में भारत सहित विभिन्न देशों के युवक/युवतियां साइबर ठगी के कार्य करते हैं। इसी प्रकार के Phnom Penh व Cambodia के अन्य स्थानों पर विभिन्न कॉल सेंटर चलाएं जा रहे है, जो साइबर ठगी करने का काम करते है। पुलिस ने आरोपी खुशबू से बरामद किए गए दो मोबाइल फोन को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि 4 दिसंबर 2024 को साइबर थाना ईस्ट पुलिस को एक महिला ने शिकायत देकर बताया था कि उनके बेटे के पास एक फोन कॉल आया कि आपके आधार कार्ड का प्रयोग हवाला के काम में प्रयोग हुआ है। इसने मना कर दिया तो उन्होंने खुद हो पुलिस अधिकारी बताते हुए FIR दर्ज कराने का डर दिखाया। उन्होंने एक सीबीआई अफसर से वीडियो कॉल करके इसको डिजिटल अरेस्ट करने की बात कही और इसके नाम हवाला के केस में शामिल होने का डर दिखाते हुए इससे रुपए ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अब तक आरोपी खुशबू सहित 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।