Edited By Rakhi Yadav, Updated: 08 Dec, 2018 11:24 AM
गोकलपुरा गांव की भूमि चकबंदी में व्यापक घालमेल में पंचायती रकबे की बंदर बांट करके चकबंदी अधिकारियों ने गांव के किसानों में बांट दी। इस धांधली को लेकर राज्य विजीलैंस ब्यूरो ने चकबंदी सर्कल ...
बहल(पोपली): गोकलपुरा गांव की भूमि चकबंदी में व्यापक घालमेल में पंचायती रकबे की बंदर बांट करके चकबंदी अधिकारियों ने गांव के किसानों में बांट दी। इस धांधली को लेकर राज्य विजीलैंस ब्यूरो ने चकबंदी सर्कल सिवानी के 2 पटवारियों, कानूनगो तथा सहायक चकबंदी अधिकारी के खिलाफ विभिन्न आपराधिक, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम व राजस्व रिकार्ड के साथ हुई छेडख़ानी के आरोप में विजीलैंस पुलिस थाना हिसार में मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, तत्कालीन तहसीलदार एवं चकबंदी अधिकारी, लोहारू की इस घालमेल में संलिप्तता को देखते हुए कार्रवाई के लिए भी लिखा गया है। लिहाजा जांच कार्रवाई करवाने की सिफारिश की गई है, जबकि कापी की कीमत मात्र 5 रुपए निर्धारित है। ऐसे में मात्र 5 रुपए के हिसाब से 490 किसानों से कुल 20 हजार 425 रुपए सरकार के खजाने में जमा करवाए गए हैं और शेष राशि अधिकारियों की जेब में चली गई।
गांव की चकबंदी आयुक्त मंडल रोहतक ने रद्द करके दोबारा से चकबंदी करवाने के आदेश कर दिए हैं। इसके चलते पंचायती जोहड़ों पर खड़े हजारों हरे वृक्ष कटने से बच गए हैं। जहां पंचायती भूमि का रकबा बढऩा चाहिए था। वहीं उसे घटाकर गांव के ही करीबन 36 किसानों को लाभ पहुंचाने का आरोप है। चकबंदी के दौरान अधिकारियों ने पंचायत के 7 पुराने जोहड़ों की भूमि किसानों को लगा दी। जोहड़ों को तोड़कर 25 अतिरिक्त भूखंडों में बांटकर चकबंदी को मुकम्मल कर दिया गया।
ग्राम पंचायत के पास पुराने रिकार्ड के मुताबिक 4116 कनाल भूमि रिकार्ड दर्ज थी। इस संबंध में विजीलैंस जांच अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि जनवरी 2018 में विजेंद्र व मनोज कुमार गांव गोकलपुरा की शिकायत पर निदेशक राज्य चौकसी ब्यूरो पंचकूला के पत्र क्रमांक 997/1-3/एस.वी.बी. हिसार को सुपुर्द किया गया था।
मामले की हर पहलू पर गहनता से जांच की गई और शिकायतकत्र्ताओं ने लगाए आरोप साबित होने पर चकबंदी सर्कल सिवानी के सहायक चकबंदी अधिकारी ओमप्रकाश, कानूनगो श्यामलाल तथा पटवारी कर्ण सिंह, पटवारी हनुमान के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। आरोपित अधिकारियों की गिरफ्तारी शीघ्र ही की जाएगी। तत्कालीन चकबंदी अधिकारी राकेश कुमार छौक्कर के विरुद्ध हरियाणा सिविल सेवाएं नियमावली 1987 दंड व अपील के नियम 7 के तहत विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई।