Edited By Mohammad Kumail, Updated: 07 Apr, 2023 06:28 PM

प्रदेश में परिवार पहचान पत्र मुसीबत का कारण बनता जा रहा है। शुक्रवार को एक ऐसा ही मामला देखने को मिला। जहां विभाग ने परिवार पहचान पत्र में 5 वर्ष के अबोध बालक की इनकम 2.5 लाख रुपये दिखा दिया।
फतेहाबाद (रमेश भट्ट): प्रदेश में परिवार पहचान पत्र मुसीबत का कारण बनता जा रहा है। शुक्रवार को एक ऐसा ही मामला देखने को मिला। जहां विभाग ने परिवार पहचान पत्र में 5 वर्ष के अबोध बालक की इनकम 2.5 लाख रुपये दिखा दिया। वहीं उस बालक के नाम पर बिजली विभाग ने 9 हज़ार रुपये से अधिक वार्षिक बिल भेज दिया है। विभागीय लापरवाहियों का नतीजा भुगत रहा यह परिवार दैनिक मजदूरी कर जीवन यापन करता है। मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने सीएम विंडो में शिकायत की है। इन लापरवाहियों का असर यह हुआ कि गरीब परिवार का राशन कार्ड ही कट गया। अब पीड़ित परिवार सरकार की ओर से मिलने वाली योजनाओं से भी वंचित हो गया है।
5 वर्ष के बालक की इनकम 2.5 लाख विभागीय लापरवाही का नतीजा
परिवार के मुखिया दीपक ने बताया कि वह गरीब व्यक्ति है। उसके पास न तो अपना कोई घर है, न मीटर और न ही कोई स्थाई काम है। वह और उसकी धर्मपत्नी दिहाड़ी मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा बनाए जा रहे परिवार पहचान पत्र ने उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। उसने बताया कि मेरे परिवार में तीन सदस्य हैं। मैं पति-पत्नी और एक बच्चा है। सरकार द्वारा उनका जो परिवार पहचान पत्र बनाया गया है, उसमें उसके 5 वर्ष के बेटे की वार्षिक आय 1.8 लाख से 2.5 लाख के बीच दिखाई गई है। वहीं बिजली के बिल का वार्षिक औसत 9 हजार से अधिक दिखाया गया है। जबकि सच्चाई तो यह है कि हम दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग हैं। उनके पास न तो अपना कोई घर है और न ही उनके नाम कोई मीटर है। दीपक ने बताया कि विभागीय लापरवाही के कारण अब उनका राशन कार्ड भी कट चुका है। इसलिए उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं पीड़ित इस मामले को लेकर संबंधित विभाग का चक्कर काट रहा है। हलांकि अभी तक कहीं से कोई राहत नहीं मिली है। इसलिए अब थकहार कर दीपक ने सीएम विंडो का सहारा लिया है।
सरकार के प्रयासों को धुमिल कर रहे कर्मचारी
बहरहाल गलती का कारण कुछ भी रहा हो, मगर इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार लगातार प्रदेश के लोगों को आश्वस्त कर रही है कि परिवार पहचान पत्र में कहीं त्रुटि अथवा विंसगति है तो उन्हें दूर किया जा रहा है। जगह जगह कैंप भी लगाए जा रहे हैं। मगर विभाग और कर्मचारियों की लापरवाही सरकार के प्रयासों को धूमिल कर रही है। फिलहाल देखने वाली बात होगी कि इतनी बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद अब प्रशासन क्या कदम उठाता है।
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