बेटी को टिकट की जिद पर अड़े राव इंद्रजीत का सस्पैंस बरकरार !

Edited By Isha, Updated: 01 Oct, 2019 07:52 AM

rao indrajit adamant on the insistence of the ticket to the daughter continues

विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से बेटी को टिकट दिए जाने की जिद पर अड़े केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत का सस्पैंस आज तक बरकरार है। हालांकि पार्टी हाईकमान ने उन्हें मनाने का प्रयास भी किया, जिसके चल

चंडीगढ़ (बंसल): विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से बेटी को टिकट दिए जाने की जिद पर अड़े केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत का सस्पैंस आज तक बरकरार है। हालांकि पार्टी हाईकमान ने उन्हें मनाने का प्रयास भी किया, जिसके चलते वह पार्टी के चुनाव सह-प्रभारी तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले लेकिन अभी तक उनकी बात नहीं बन पाई है। उनके विरोध के बावजूद बीरेन्द्र सिंह की पत्नी पे्रमलता को उचाना कलां से टिकट दे दी गई है। राव इंद्रजीत ने बीरेन्द्र की पत्नी का हवाला देते हुए बेटी के लिए टिकट की मांग की थी। बीते दिवस तो उनके फोन तक बंद हो गए थे और समर्थकों को उन्होंने नई रणनीति के लिए तैयार रहने के लिए भी कह दिया था। पार्टी हाईकमान ने आज उनके कुछ समर्थकों को टिकटें दे दीं और कुछ की काट दीं तथा कुछ सीटों को होल्ड पर रख लिया।

इतना ही नहीं, गुरुग्राम से भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल ने आज उनके समर्थन में ट्वीट करके कहा कि राव इंद्रजीत की नजरअंदाजी पार्टी को भारी पड़ सकती है और बाद में अग्रवाल ने यह ट्वीट हटा भी लिया।  इसके बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट किया, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास। इसी नारे के साथ होना चाहिए टिकटों का वितरण। योग्यता और जनभावनाओं की न हो अनदेखी। पार्टी ने उमेश अग्रवाल को झटका देते हुए पहली सूची में उनका नाम काट दिया, ऐसे में यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि जिस तरह उन्होंने खुले तौर पर ट्वीट किए हैं, उन्हें पहले से ही अंदेशा हो गया था कि उनकी टिकट कटने वाली है। 

दूसरी ओर, मंत्री राव नरबीर के बारे में माना जा रहा है कि राव इंद्रजीत को मनाने का प्रयास है तो वहीं यह संदेश भी है कि पार्टी किसी भी नेता की गलती या जिद को सहन नहीं करने वाली है। उनकी बेटी की टिकट को लेकर हाईकमान में काफी देर मंथन हो चुका है लेकिन पार्टी नेता तैयार नहीं हैं, क्योंकि उनकी बात मानने पर बाहर गलत संदेश जाएगा और जिसका प्रदेश में गलत असर पड़ सकता है। यह भी चर्चाएं रहीं कि पी.एम.ओ. द्वारा भी इस मामले में हस्तक्षेप किया गया है, ताकि उन्हें मना भी लिया जाए और पार्टी का स्टैंड भी कायम रहे। उनके तेवर अब कुछ नरम बताए जाते हैं और वह बेटी की टिकट दिए जाने की जिद छोडऩे को तैयार हैं।

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