निजी व्यक्ति को विधानसभा लॉबी जाने की इजाजत नहीं: राम नारायण यादव

Edited By Shivam, Updated: 25 Jan, 2020 10:45 PM

private person not allowed to go to assembly lobby ram narayan yadav

विधानसभा के अंदर निजी व्यक्ति की और से जजपा विधायक राम कुमार गौतम का वीडियो बनाकर उसे वायरल करने के मामले में जहां विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इसकी शिकायत मिलने पर कार्यवाही करने का विचार करने की बात कही है। वहीं विधानसभा मामलों के जानकारों...

चंडीगढ़ (धरणी): विधानसभा के अंदर निजी व्यक्ति की और से जजपा विधायक राम कुमार गौतम का वीडियो बनाकर उसे वायरल करने के मामले में जहां विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इसकी शिकायत मिलने पर कार्यवाही करने का विचार करने की बात कही है। वहीं विधानसभा मामलों के जानकारों के अनुसार किसी भी निजी व्यक्ति की ओर से इस तरह की किसी भी विधायक की वीडयो नही बनाई जा सकती और अगर किसी भी इस तरह से विधानसभा सदस्य की वीडियो रिकॉर्डिंग की है तो यह विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है।

विधानसभा के पूर्व अतिरिक्त सचिव व विधानसभा मामलों के विशेषज्ञ राम नारायण यादव के अनुसार किसी भी निजी व्यक्ति को विधानसभा में सदस्यों की लॉबी यां प्रेस गैलरी में जाने की इजाजत नहीं है। क्योंकि ये सब हाउस के ही पार्ट है। जबकि कई मामलों में स्पीकर का चैंबर भी हाउस ही माना जाता है। लेकिन  अगर किसी अन्य व्यक्ति को अगर यहां प्रवेश के लिए अधिकृत किया भी गया है तो वह व्यक्ति किसी भी विधानसभा सदस्य की इस तरह से वीडियो रिकॉर्डिंग करके उनकी छवि धूमिल नहीं कर सकता। लेकिन किसी ने अगर ऐसा किया है तो ये विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सबसे पहले सदस्य की और से विधानसभा अध्यक्ष को उस व्यक्ति के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देना पड़ता है। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष इसपर ये विचार करते हैं कि मामला विशेषाधिकार हनन का बनता है या नहीं, जबकि अगर ऐसा मामला बनता है तो विधानसभा अध्यक्ष या हाउस की और से इस मामले को प्रिविलेज कमेटी को रेफर किया जाता है।

उन्होंने बताया कि इसके लिए दोषी पाए जाने पर विधानसभा सदस्यों के लिए सजा के 4 प्रावधान है जबकि निजी व्यक्ति के लिए 3 अलग-अलग प्रावधान है। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में प्रिविलेज कमेटी के पास सी.आर.पी.सी, सी.पी.सी, एविडेन्स एक्ट और जर्नल लॉ के तहत कई तरह के अधिकार हैं, जो मामले के पूरे तथ्य जुटाने के बाद कोई फ़ैसला लेती है। इस पूरी प्रक्रिया में 2माह से लेकर 6 माह तक का समय लगता है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!