संकट में हजारों छात्रों का जीवन: शहर में बिना फायर NOC चल रहे 150 से अधिक कोचिंग सेंटर, आग के खतरे में विधार्थी

Edited By Manisha rana, Updated: 12 Feb, 2024 11:07 AM

more than 150 coaching centers running without fire noc

जिले में बिना फायर सिस्टम के चल रहे स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले हजारों बच्चों का भविष्य आग के खतरे में है। कस्बों व शहर में बने 150 के करीब कोचिंग सेंटर व 800 से अधिक निजी और सरकारी स्कूल तथा 16 कॉलेज बिना फायर एन.ओ.सी...

कैथल (जयपाल) : जिले में बिना फायर सिस्टम के चल रहे स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले हजारों बच्चों का भविष्य आग के खतरे में है। कस्बों व शहर में बने 150 के करीब कोचिंग सेंटर व 800 से अधिक निजी और सरकारी स्कूल तथा 16 कॉलेज बिना फायर एन.ओ.सी के चल रहें हैं। इन सभी संस्थानों में आगजनी से विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं है। इतना ही नहीं जिले में बनी तीन यूनिवर्सिटी के पास भी फायर एनओसी नहीं है। जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक सभी शिक्षण संस्थानों में फायर सिस्टम लगाना अनिवार्य है। इसके बाद भी जिले के सरकारी और प्राइवेट संस्थानों के संचालक फायर एन.ओ.सी न लेकर विद्यार्थियों की जान को जोखिम में डाला जा रहा हैं। अगर किसी कोचिग सेंटर, स्कूल, कॉलेज या यूनिवसिर्टी में आग लग जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है।


शहर की तंग गलियों में चल रहे हैं स्कूल और कोचिंग सेंटर, नहीं पहुंच सकती दमकल टीम

 शहर और कस्बों में 150 से अधिक कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं। जिनमे हर रोज हजारों बच्चे कोचिंग लेने आते हैं। लेकिन इनमे से किसी के पास फायर एन.ओ.सी नहीं है। कई कोचिंग सेंटर और स्कूल शहर की आबादी के बीच काफी तंग गलियों में चल रहे हैं। जिनके आगे हर समय अतिक्रमण भी रहता है। ऐसे में आग लगने पर वहां दमकल की गाड़ियां भी नहीं पहुंच सकती। शहर में काफी कोचिग सेंटर और शिक्षण संसथान तो बिना नक्शा पास के ही चल रहे हैं, लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इनकी सुध नहीं ले रहा।

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3 यूनिवर्सिटी में नहीं फायर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध

जिले की तीन यूनिवसिर्टी भी आगजनी के मामलों में गंभीर नहीं है। जबकि इनमे हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। इनमे अंबाला रोड पर बनी नीलम प्राइवेट यूनिवर्सिटी, गांव मुंदरी स्थित महर्षि वाल्मीकि संस्कृत यूनिवर्सिटी और कौल की चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के नाम शामिल हैं। इन भी में इमारतें हैं, वे सभी एक दूसरे से सटकर बनी हुई हैं। जिनमें अगर एक इमारत में आग लगने की घटना होती है, तो निश्चित तौर पर वह आग दूसरी इमारत को भी अपनी चपेट में ले लेगी और आग बुझाना भी बहुत मुश्किल होगा। इसमें हजारों स्टूडेंट्स को जान माल का बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

 

कोचिंग सेंटर के जरूरी मानक

1. कोचिंग सेंटर को नप से ट्रेड लाइसेंस होना चाहिए।
2. भवन का व्यवसायिक नक्शा पास होना चाहिए।
3. भवन के बेसमेंट में स्प्रिंकलर सिस्टम व स्मोक डिटेक्टर होना चाहिए।
4. ग्राउंड फ्लोर पर फायर सिस्टम होना चाहिए।
5. सेकंड फ्लोर पर दस लाख लीटर का पानी का टैंक होना चाहिए।
6. थर्ड फ्लोर वाले भवनों पर स्प्रिंकलर सिस्टम, पानी की मोटर व जनरेटर होना चाहिए।
7. भवन में दो सीढ़ियां और रैंप होने चाहिए।
8. प्रत्येक कमरे का दो दरवाजा होना चाहिए, जो बाहर की ओर खुलते हो। इसके अलावा कोई रोशनदान बंद न हो।

 

 बड़े शिक्षण संस्थानों के लिए ये नियम है जरूरी 

1. नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में जहां 100 से ज्यादा छात्र हो, वहां बाहर जाने के रास्ते दो होने चाहिए।
2. सीढ़ियों के लिए 1.50 मीटर की जगह होनी चाहिए. एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के लिए नौ मीटर से ऊंची इमारत के लिए एनओसी अनिवार्य है।
3. ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर सिस्टम (आग बुझाने की पाइप लाइन) का डिजाइन और इंस्टालेशन भारतीय ब्यूरो द्वारा प्रकाशित आईएस 15105 के अनुसार होना चाहिए. 500 वर्ग मीटर का एरिया होने पर तो दो           सीढ़ियां होनी चाहिए।

 

 बिना NOC के चल रहे शिक्षण संस्थानों को दो बार दिया जा चुका नोटिस

सहायक मंडल अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हरियाणा फायर सर्विस एक्ट की सेक्शन 16, 17 व 18 के मुताबिक 15 मीटर से कम ऊंचाई वाली इमारतों के लिए फायर एनओसी लेना बिल्डिंग मालिक या उसमें व्यवसाय करने वालों की जिम्मेदारी है। इसी का फायदा उठाकर फायर एन.ओ.सी नहीं ली जा रही है। 15 मीटर से ज्यादा ऊंचाई यानी हाइराइज बिल्डिंग की फायर एनओसी लेना अनिवार्य किया गया है। हाइराइज बिल्डिंग की फायर एनओसी अगर कोई नहीं लेता है तो अग्निशमन विभाग द्वारा उसे नोटिस जारी किया जाता है। उनके कार्यालय बिना एन.ओ.सी के चल रहे कोचिंग सेंटर, स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी यों को द्वारा दो बार नोटिस दिया जा चुका है। लेकिन फिर भी केवल कुछ ही संचालकों के द्वारा एन.ओ.सी अप्लाई की गई है। अभी तक जिला अग्निशमन विभाग के पास सील करने की शक्तियां नहीं थी। लेकिन 28 नवम्बर को विभाग के डायरेक्टर द्वारा सहायक मंडल अग्निशमन अधिकारी को नियमों की अवहेलना करने वाले को सील करने शक्तियां दे दी गई है। जिसकी कार्रवाई इसी माह शुरू हो जाएगी।

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