भ्रष्टाचार की सूली चढ़ा मार्केटिंग बोर्ड अरबो के कर्जे में,बन्द होने की कगार पर : विजय बंसल

Edited By Isha, Updated: 09 Aug, 2020 02:15 PM

marketing board crucified due to corruption vijay

1 अगस्त 1969 को सूबे के किसानों की खुशहाली व प्रदेश में फसलों की खरीद-बिक्री-स्टोरेज आदि के लिए गठित हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड अब भ्रष्टाचार की सूली चढ़ कर अरबो के कर्जे में डूब गया है,आलम यह है

चंडीगढ़(धरणी):  1 अगस्त 1969 को सूबे के किसानों की खुशहाली व प्रदेश में फसलों की खरीद-बिक्री-स्टोरेज आदि के लिए गठित हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड अब भ्रष्टाचार की सूली चढ़ कर अरबो के कर्जे में डूब गया है,आलम यह है कि लाखो लोगो की रोजी रोटी व अन्नदाता किसान का रखवाला मार्केटिंग बोर्ड अब बन्द होने की कगार पर है।यह कहना हरियाणा किसान कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व राज्य सरकार में चेयरमेन रह चुके विजय बंसल एडवोकेट का है जिन्होंने आरटीआई में प्राप्त सूचना के आधार पर मार्केटिंग बोर्ड के दिवालियापन उजागर किया है।मार्केटिंग बोर्ड की इनकम,खर्चे व देनदारी राशि को लेकर विजय बंसल ने बढ़े घोटाले की आशंका जताई है इसलिए उन्होने सीएम मनोहर लाल को ज्ञापन भेजकर सीबीआई जांच करवाने की मांग भी की है।

विजय बंसल की माने तो फ्लॉप प्रोजेक्ट्स,भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के निजी स्वार्थ व भाजपा सरकार की अनदेखी के कारण प्रदेश में सबसे अमीर माने जाने वाला बोर्ड अब 4 अरब 29 करोड़ 89 लाख 57 हजार 668 रुपए के कर्जे में डूब गया है। विजय बंसल ने कहा कि हैरानी की बात है कि मार्केटिंग बोर्ड ने डायरी में कहा है कि विभिन्न मार्किट कमेटियों से वर्ष 2018-19 में 7 अरब 63 करोड़ की कमाई हुई है जबकि आरटीआई के जवाब में बोर्ड की बेलेंस शीट के अनुसार विभिन्न मार्किट कमेटियों से केवल 2 अरब 35 करोड़ 50 लाख 65 हजार 657 की ही कमाई हुई है।

इस वर्ष बोर्ड को 24 करोड़ से ज्यादा का घाटा
साथ ही विजय बंसल ने बताया कि आरटीआई में प्राप्त सूचना के अनुसार इस वर्ष मार्केटिंग बोर्ड 24 करोड़ 95 लाख 7 हजार 365 रुपयों के घाटे में है जबकि जनता को गुमराह करने के लिए आंकड़ो को बदला जाता रहा है।बोर्ड द्वारा विभिन्न कार्यो के लिए ठेकेदारों की लगभग 300 करोड़ की देनदारी भी अलग से लंबित पढ़ी है।

कृषि प्रधान प्रदेश व देश मे किसानों व फसलों को नियंत्रीत करने वाला बोर्ड ही हुआ ठप्प
विजय बंसल ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और जब बात हरियाणा की हो तो उसकी पहचान किसानों व फ़सलो से होती है परन्तु उसी को नियंत्रित करने वाला बोर्ड जब कर्जे में डूब जाए तो वो सरकार की नीति व नियत को साफ तौर पर स्पष्ट करता है।मार्केटिंग बोर्ड के अंतर्गत 113 मार्किट कमेटी,168 सब यार्ड व 196 पर्चेस सेंटर है जिनमे आढ़ती,किसान,व्यापारी,लेबर समेत लाखो लोग अपने रोजगर के माध्यम से निर्भर करते है।अब केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश पास करके किसानों को सीधा अपने फसल को मंडी क्षेत्र से बाहर बेचने का निर्णय लिया है जिससे अब बोर्ड की आय पर भारी नुकसान पढ़ने वाला है क्योंकि मंडीकरण व व्यापारियों-आढ़तियों की भूमिका को खत्म कर दिया जाएगा।

प्रदेश के विकास में बोर्ड का योगदान,अब होगा नुकसान
विजय बंसल ने बताया कि प्रदेश के 70 प्रतिशत लिंक रोड मार्केटिंग बोर्ड द्वारा बनाए गए है क्योंकि हरियाणा ग्रामीण विकास कोष(HRDF) के माध्यम से ग्राम पंचायतों समेत अन्य विकास कार्यो में योगदान देता है।ऐसे में अब बोर्ड की हालत नाजुक होने से प्रदेश के विकास में भी बाधा पढ़ने वाली है।

बोर्ड कभी था कमाई का स्त्रोत,अब लोन लेकर चला रहा काम
विजय बंसल ने बताया कि जहां एक तरफ कभी मार्केटिंग बोर्ड हरियाणा सरकार की कमाई का प्रमुख स्रोत होकर अन्य विभागों को लोन देने वाला होता था आज वही मार्केटिंग बोर्ड नाबार्ड व अन्य वित्तीय संस्थानों से ऋण की भीख मांगने को मजबूर है।

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