Edited By Shivam, Updated: 03 Apr, 2020 05:10 PM
कृषि मंत्रालय की ओर किसानों को निर्देश जारी किए गए हैं कि खेतों में कटाई, मड़ाई एवं बुवाई की स्थिति में पांच व्यक्तियों से अधिक की भीड़ न लगने दी जाए। जानकारों का कहना है कि इससे किसानों की मुसीबत और बढ़ सकती है। रजिस्टर्ड किसानों के पास इस निर्देश...
नई दिल्ली: कृषि मंत्रालय की ओर किसानों को निर्देश जारी किए गए हैं कि खेतों में कटाई, मड़ाई एवं बुवाई की स्थिति में पांच व्यक्तियों से अधिक की भीड़ न लगने दी जाए। जानकारों का कहना है कि इससे किसानों की मुसीबत और बढ़ सकती है। रजिस्टर्ड किसानों के पास इस निर्देश से संबंधित एक मैसेज गया है, जिससे अन्नदाताओं में बेचैनी और बढ़ गई है। हालांकि यह एडवाइजरी कोरोना वायरस से किसानों की सुरक्षा के लिए ही है।
मैसेज में समझाया गया है कि खेत में काम करते समय किसानों व मजदूरों को आपस में कम से कम एक मीटर की दूरी रखनी ही होगी, मुंह पर मास्क रखना अनिवार्य और हाथों को सैनिटाइज भी करते रहना चाहिए। यह भी बताया गया कि किसी भी समस्या के लिए जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।

इस समय गांवों में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के दौरान पुलिस कार्रवाई के खौफ से खेतों में काम करने वाले श्रमिकों की कमी हो गई है। इसलिए फसल काटने में देरी हो रही है। ज्यादातर जगहों पर फसल अभी खेतों में खड़ी है, किसानों को आशंका है कि अगर फसल कटने में देरी के बीच बारिश हो गई या आंधी आ गई तो उन्हें भारी नुकसान होगा, गेहूं का रंग बदल जाएगा। सरसों निकालने में हुई देरी से उसके काफी दाने पहले ही खेतों में गिर गए हैं। इससे वे पहले ही घाटे में हैं।
हालांकि, सरकार ने किसानों की मजबूरी समझते हुए कृषि से जुड़ी गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दी है। फसल कटाई के लिए खेतों में मशीन ले जाने की इजाजत दी गई है। इसके अलावा सरकार ने मंडियों और खरीद एजेंसियों को भी लॉकडाउन में छूट दी है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, कृषि श्रमिकों, उर्वरकों, कीटनाशकों और बीजों की विनिर्माण एवं पैकेजिंग करने वाली इकाइयों को भी लॉकडाउन से छूट है।