Edited By Shivam, Updated: 19 May, 2021 12:29 AM

ब्लैक फंगस की आहट से प्रदेश सरकार अलर्ट हो गई है। उसने इसे अधिसूचित रोग घोषित कर दिया है। इस बीमारी को लेकर कोरोना मरीजों एवं उनके परिजनों में खासी चिंता का माहौल बना हुआ है। अभी प्रदेश में इस बीमारी के मरीजों की पुष्टि नहीं हुई लेकिन कई संदिग्ध...
रेवाड़ी (योगेंद्र सिंह): ब्लैक फंगस की आहट से प्रदेश सरकार अलर्ट हो गई है। उसने इसे अधिसूचित रोग घोषित कर दिया है। इस बीमारी को लेकर कोरोना मरीजों एवं उनके परिजनों में खासी चिंता का माहौल बना हुआ है। अभी प्रदेश में इस बीमारी के मरीजों की पुष्टि नहीं हुई लेकिन कई संदिग्ध मरीज प्रदेशभर में सामने आ चुके हैं। इसी के चलते इस बीमारी के लिए उपयोग में आने वाली दवाईयां व इंजेक्शन के कालाबाजारी की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।
डीसी यशेन्द्र सिंह ने इसी के चलते आदेश जारी कर कहा है कि बिना डॉक्टर की सलाह, प्रिस्क्रिप्शन के किसी केमिस्ट ने स्टेरॉयड्स की ब्रिकी की तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, साथ ही उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल में इस बीमारी के संदिग्ध मरीज सामने आए हैं।
डीसी ने कहा कि इस बीमारी के मरीजों की सूचना तुरंत सिविल सर्जन ऑफिस को दें ताकि उसका इलाज तुरंत किया जा सके। कोरोना बीमारी एवं सांस लेने में दिक्कत के केस बढऩे पर कई दवाईयां मार्केट से गायब हो गई और उनकी देशभर में कालाबाजारी शुरू हो गई थी। ब्लैक फंगस बीमारी से संबंधित इंजेक्शन व दवाईयों की कालाबाजारी ना हो इसको लेकर सरकार व प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
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