Edited By Isha, Updated: 17 Jun, 2025 08:45 AM

सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में मरीजों को अब पर्ची बनवाने के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में कतार में नहीं लगना पड़ेगा। सीएचसी मुलाना में आभा की मदद से ऑनलाइन पंजीकरण का पाय
चंडीगढ़: सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में मरीजों को अब पर्ची बनवाने के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में कतार में नहीं लगना पड़ेगा। सीएचसी मुलाना में आभा की मदद से ऑनलाइन पंजीकरण का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा है। जल्द ही इसे प्रत्येक जिले के दो स्वास्थ्य केंद्रों में लागू किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव और उनके स्टाफ ने सोमवार को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आभा कार्ड जारी किए। मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोई भी मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को अपनी आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) आईडी से जोड़ सकता है। वह अपनी सहमति से डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सुरक्षित रूप से स्टोर, एक्सेस और शेयर कर सकता है।
मिशन के संयुक्त निदेशक (सूचना प्रौद्योगिकी) कैलाश सोनी ने आभा कार्ड के लाभ और यह प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से किस तरह अलग है, इस बारे में विस्तार से बताया। प्रदेश में अब तक 16.3 मिलियन से अधिक आभा कार्ड जारी किए जा चुके हैं। सीएचसी मुलाना को आभा कार्ड धारकों के लिए राज्य का पहला आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र बनाया गया है, जो पूरी तरह कार्यात्मक है। मरीज ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं और इलाज पा सकते हैं। उन्हें पंजीकरण के लिए लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं है। यह योजना जल्द ही राज्य के सभी 22 जिलों में लागू की जाएगी, जिसमें प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान में दो स्वास्थ्य केंद्र होंगे, जिससे कुल 44 स्वास्थ्य संस्थान बनेंगे।
मिशन के संयुक्त निदेशक (सूचना प्रौद्योगिकी) कैलाश सोनी ने आभा कार्ड के लाभों के बारे में बताया और बताया कि यह प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से किस तरह अलग है। राज्य में अब तक 16.3 मिलियन से अधिक आभा कार्ड जारी किए जा चुके हैं। सीएचसी मुलाना को आभा कार्ड धारकों के लिए राज्य का पहला आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र बनाया गया है, जो पूरी तरह कार्यात्मक है।