Edited By Deepak Kumar, Updated: 17 Jun, 2025 08:16 PM

हरियाणा सरकार ने अरावली क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना की रूपरेखा तैयार की है। इस परियोजना के तहत ‘अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट’ और ‘जंगल सफारी’ विकसित किए जाएंगे। राज्य के...
डेस्कः हरियाणा सरकार ने अरावली क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना की रूपरेखा तैयार की है। इस परियोजना के तहत ‘अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट’ और ‘जंगल सफारी’ विकसित किए जाएंगे। राज्य के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने बताया कि इन योजनाओं का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर-कमलों से कराने का प्रस्ताव है।
राव नरबीर सिंह ने जानकारी दी कि अरावली भारत की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है, जो हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली समेत चार राज्यों में फैली हुई है और लगभग 1.15 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को आच्छादित करती है। पर्यावरणीय दृष्टि से यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ‘अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट’ और जंगल सफारी के क्रियान्वयन का दायित्व हरियाणा को सौंपा है।
पहले यह परियोजना पर्यटन विभाग के अधीन थी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश पर अब इसे वन विभाग को सौंपा गया है। परियोजना के तहत स्वदेशी प्रजातियों का वनीकरण, मृदा स्वास्थ्य में सुधार, भूजल पुनर्भरण और जैव विविधता का संरक्षण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगी। ‘वन मित्र’ जैसे नवाचारों के माध्यम से युवाओं को हरित रोजगार से जोड़ा जाएगा, जिससे न केवल पर्यावरणीय लाभ होंगे, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास भी संभव होगा।
मंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वे वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हों, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बार-बार उल्लेख किया है।
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