Edited By Deepak Kumar, Updated: 26 Aug, 2025 12:38 PM

हरियाणा की 5 जेलों में बंदियों के कौशल विकास के लिए 12 नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। साथ ही, बंदियों को 3 वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा करने का भी अवसर मिलेगा।
डेस्कः हरियाणा की 5 जेलों में बंदियों के कौशल विकास के लिए 12 नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। साथ ही, बंदियों को 3 वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा करने का भी अवसर मिलेगा। इस दिशा में पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुरुग्राम जेल में कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है। यह जानकारी सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने दी।
सजा पूरी होने के बाद रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे
सोमवार को हरियाणा सिविल सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि बंदियों को सजा पूरी होने के बाद सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग के साथ सहयोग किया जा रहा है। इसके तहत विभिन्न जेलों में तकनीकी कोर्स शुरू किए जाएंगे।
गुरुग्राम जेल में पायलट प्रोजेक्ट
कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि गुरुग्राम जेल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जिसमें राजकीय तकनीकी संस्थान इन्द्री (मेवात) से तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा। इस कोर्स को पूरा करने के बाद बंदी न केवल नौकरी प्राप्त कर सकेंगे, बल्कि अपना स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर सकेंगे, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में पुनः समायोजित हो सकेंगे।
पांच जेलों में कौशल विकास के 12 कोर्स
केंद्रीय जेल अंबाला: पोशाक निर्माण, वेल्डर
करनाल जेल: पोशाक निर्माण, सौंदर्य प्रसाधन
पानीपत जेल: सिलाई प्रशिक्षण, बढ़ई
गुरुग्राम जेल: कंप्यूटर ऑपरेटर, प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, वेल्डर, प्लंबर
फरीदाबाद जेल: कंप्यूटर ऑपरेटर, प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, इलेक्ट्रिशियन, बढ़ई
रोजगार और वित्तीय सहायता के प्रयास
जेल मंत्री ने बताया कि कौशल विकास के बाद बंदियों को सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करने के लिए जेल विभाग ने कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) और विभिन्न उद्योगों के साथ समझौते किए हैं। साथ ही, श्रम विभाग के सहयोग से सजा पूरी कर चुके बंदियों को लोन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक बंदियों को इन औद्योगिक कोर्सों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
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