Edited By Yakeen Kumar, Updated: 25 Aug, 2025 05:22 PM

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि प्रदेश में लगभग दो से ढाई लाख कर्मचारियों को नियमों के मुताबिक ये भत्ता नहीं मिल रहा...
चंडीगढ़: हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों ने मकान किराया भत्ता (HRA) को लेकर सरकार से बड़ा सवाल खड़ा किया है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि प्रदेश में लगभग दो से ढाई लाख कर्मचारियों को नियमों के मुताबिक HRA नहीं मिल रहा, जिससे उन्हें हर महीने हजारों रुपये का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत एचआरए की स्पष्ट व्यवस्था की गई थी। इसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में मूल वेतन का 10 प्रतिशत, शहरी इलाकों में 20 प्रतिशत और महानगरों में 30 प्रतिशत मकान किराया भत्ते का प्रावधान है। लेकिन राज्य सरकार ने अब तक महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी के अनुरूप HRA में कोई संशोधन नहीं किया है।
अध्यक्ष सुभाष लांबा का कहना है कि इस वजह से प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को हर महीने करीब 2 से 4 हजार रुपये तक का घाटा हो रहा है। कर्मचारियों का आरोप है कि DA बढ़ाए जाने के बावजूद HRA को रिवाइज नहीं करना नियमों के खिलाफ है।
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