Edited By Isha, Updated: 17 Jun, 2025 11:43 AM

गांव सिसोठ के एक गरीब परिवार के लिए उनके फैमिली आईडी के रिकॉर्ड में दर्ज हुई एक गाड़ी मुसीबत बन गई है। इससे बीपीएल परिवार का राशन अचानक बंद हो गया। इस पर परिवार के सदस्य तहकीकात में जुटे।
महेंद्रगढ़(प्रदीप बालरोड़िया) : गांव सिसोठ के एक गरीब परिवार के लिए उनके फैमिली आईडी के रिकॉर्ड में दर्ज हुई एक गाड़ी मुसीबत बन गई है। इससे बीपीएल परिवार का राशन अचानक बंद हो गया। इस पर परिवार के सदस्य तहकीकात में जुटे। जो सामने आया, वो बेहद चौंकाने वाला था। सरकारी रिकॉर्ड में उनके परिवार के नाम एक इनोवा गाड़ी दर्ज थी और वो भी कोई मामूली गाड़ी नहीं, बल्कि नंबर एचआर 34 ए-9092 वाली इनोवा, जो असल में जेजेपी के जिला प्रधान राजकुमार खातोद की है।
पीड़ित बिरेंद्र पुत्र धर्मबीर ने बताया कि उनके पास तो साइकिल तक नहीं है, और सरकारी कागजों में उन्हें इनोवा वाला बना दिया गया है। जब उन्होंने अपने फैमिली आईडी की जानकारी निकाली और गाड़ी के नंबर की पड़ताल की, तो पता चला कि वह गाड़ी तो किसी और की है। इस मामले में उन्होंने राजकुमार खातोद से संपर्क किया, जिन्होंने आरसी दिखाकर गाड़ी अपनी होने की पुष्टि की और मामले की जानकारी एडीसी तक पहुंचाई। राजकुमार खातोद ने कहा कि उन्होंने यह गाड़ी दो साल पहले खरीदी थी और यह उनके नाम पर है। यह गाड़ी सिसोठ गांव के किसी बीपीएल परिवार की फैमिली आईडी में कैसे दर्ज हो गई, इसका उन्हें कोई अंदाजा नहीं है।
बिरेंद्र ने तहसील कार्यालय में शपथ पत्र देकर हरियाणा परिवार पहचान पत्र में दर्ज गलत जानकारी को सुधारने की मांग की है। हलफनामे में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके परिवार की वार्षिक आय 25,000 से 50,000 के बीच है और कोई भी सदस्य न तो सरकारी नौकरी करता है। न ही निजी क्षेत्र में कार्यरत है। उनके पास कोई वाहन भी नहीं है। अब बिरेंद्र ने प्रशासन से आग्रह किया है कि उन्हें फिर से बीपीएल श्रेणी में शामिल किया जाए और उनका राशन कार्ड बहाल किया जाए। यह मामला न सिर्फ सरकारी सिस्टम की गड़बड़ी को उजागर करता है, बल्कि उन गरीब परिवारों की पीड़ा को भी सामने लाता है, जो तकनीकी गलतियों के कारण योजनाओं से वंचित हो रहे हैं।