Edited By Isha, Updated: 03 Aug, 2019 02:28 PM
हरियाणा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले केएमपी यानी कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. पहले मानसून में ही एक्सप्रेस-वे की सड़कें कई
डेस्कः हरियाणा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले केएमपी यानी कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं। लगभग 8 महीने पहले बना एक्सप्रेस-वे की सड़कें कई जगह धंस गई है। इन पर गाड़ी दौड़ाना तो क्या, आराम से चलकर निकलना भी मुश्किल हो रहा है।
साढ़े अठाईस सौ करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुए इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2018 को किया था, लेकिन उद्घाटन के महज 8 महीने बाद ही इसकी सड़कें अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है, जबकि यहां से गुजरने वाले वाहनों से काफी बड़ी राशि टोल के रूप में वसूली जा रही है, जिसका लोग विरोध कर रहे हैं।
2846 एकड़ में बनाया गया एक्सप्रेस-वे
केएमपी एक्सप्रेस-वे को 2846 एकड़ में बनाया गया है। इस पर करीब 2788 करोड़ रुपए खर्च हुए। यह एनएच 1, एनएच 10 और एनएच 2 के दायरे में आने वाले कई शहरों को अलग-अलग स्थानों पर जोड़ता है। कुल मिलाकर देखें तो केएमपी एक्सप्रेस-वे 135.6 किलोमीटर लंबा है। इसे बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर यानी बी.ओ.टी प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है. यह हरियाणा के पांच जिलों से कनेक्ट होता है। ये हैं सोनीपत, गुरुग्राम या गुड़गांव, पलवल, मेवात और झज्जर।
वाहनो की स्पीड पर लगी लगाम
वैसे तो केएमपी पर हल्के वाहनों के लिए निर्धारित गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा और हैवी कमर्शियल वाहनों के लिए 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है लेकिन सड़कें बदहाल होने के कारण वाहनों की स्पीड पर लगाम लगी हुई है