Edited By Isha, Updated: 17 Nov, 2019 01:23 PM
नवम्बर माह के शुरूआत से ही सर्दी की आहट के साथ गर्म पानी से नहाने का सिलसिला शुरू हो गया है। बाजार में पानी गर्म करने वाली रॉड, पानी की टैंकियों व गैस गीजर की मांग बढ़ गई है। यह गैस गीजर
रोहतक (मैनपाल): नवम्बर माह के शुरूआत से ही सर्दी की आहट के साथ गर्म पानी से नहाने का सिलसिला शुरू हो गया है। बाजार में पानी गर्म करने वाली रॉड, पानी की टैंकियों व गैस गीजर की मांग बढ़ गई है। यह गैस गीजर शरीर के लिए घातक हो सकता है। सॢदयों में पानी गर्म करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले गैस गीजर से जान जोखिम में भी पडऩे का खतरा रहता है। गर्म पानी करने वाली टैंकी में हैरान करने वाली बात तो यह है कि ये टोटल जुगाड़ से तैयार होती है। खैर, फिलहाल बाजार में इनकी मांग खूब बनी हुई है, दुकानदारों ने भारी स्टाक रखवा रखा है।
जानलेवा साबित हो सकता है इनका इस्तेमाल
डा. जय सिंहामान्य अस्पताल के आयुर्वेद के चिकित्सक डा. जय सिंह का कहना है कि गैस गीजर व कोयले की अंगीठी जलाने से कार्बन मोनो आक्साइड गैस निकलती है, यह गैस इतनी हानिकारक है कि अगर कोई मनुष्य इसके सम्पर्क में अधिक समय के लिए आ जाए तो वह मृत्यु की आगोश में जा सकता है।
सॢदयों में कमरे को गर्म करने के लिए लोग बंद कमरे में अंगीठियां लगाकर सो जाते हैं लेकिन लगातार अंगीठी जलने की वजह से बंद कमरे में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बढऩे लगती है। इस रंगहीन व गंधहीन जहरीली गैस के बढऩे के कारण वहां सो रहे लोगों का दम घुटने लगता है और कई बार इसकी वजह से मौत हो सकती है।