खबर का असर...ग्योंग ड्रेन में सीवरेज का गंदा पानी डालने का मामला, सिंचाई विभाग ने लिया संज्ञान

Edited By Manisha rana, Updated: 05 May, 2024 08:52 AM

irrigation department took cognizance matter of dirty sewerage water

ग्योंग ड्रेन में सीवरेज का गंदा पानी डालने के मामले में सिंचाई विभाग हरकत में आया है। विभाग के एक्सईएन प्रशांत कुमार और एस.डी.ओ विकास ने अपनी टीम के साथ मिलकर ग्योंग ड्रेन का निरीक्षण किया है।

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : ग्योंग ड्रेन में सीवरेज का गंदा पानी डालने के मामले में सिंचाई विभाग हरकत में आया है। विभाग के एक्सईएन प्रशांत कुमार और एस.डी.ओ विकास ने अपनी टीम के साथ मिलकर ग्योंग ड्रेन का निरीक्षण किया है। टीम शुक्रवार सबसे पहले गांव ग्योंग में पहुंची। वहां गांव के सीवरेज का गंदा पानी ड्रेन में डाला जा रहा था। इस बारे में अब डी.डी.पी.ओ को पत्र लिखा जाएगा। 

इसके बाद सेक्टर-18 में पुलिया के पास हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण विभाग की तरफ से भी सीवरेज का गंदा पानी ड्रेन में डाला जा रहा था। तीसरी लोकेशन छोटू राम चौक के पास जन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ड्रेन में गंदगी डाली जा रही है। इससे आगे नागरिक अस्पताल की तरफ से ड्रेन में गंदगी डाली जा रही है। अस्पताल की तरफ से तो बायोमेडिकल वेस्ट भी ड्रेन में डाला जाना पाया गया। एक्सईएन प्रशांत कुमार का कहना है कि इस मामले को लेकर उनके द्वारा डी.डी.पी.ओ, नागरिक अस्पताल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और जन स्वास्थ्य विभाग पर कार्रवाई को लेकर प्रदूषण बोर्ड को लिखा जाएगा।

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इन कॉलोनी के लोगों को हो रही भारी परेशानी

ग्योंग ड्रेन ढांड रोड से लेकर जींद रोड तक की करीब आठ कॉलोनियों को कवर करती है। इसमें ढांड रोड, भगत सिंह कॉलोनी, जनकपुरी कॉलोनी, फ्रेंड्स कॉलोनी, मायापुरी कॉलोनी, देवीगढ़ रोड व सेक्टर-18 मुख्य हैं। साल 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने कैथल दौरे के दौरान इस ड्रेन को कवर करने की घोषणा की थी। जन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसको तकनीकी कारणों के चलते अनफिट बताकर रिजेक्ट कर दिया था। इसके कवर न होने के कारण इन सभी कॉलोनियों के लोग गंदगी में जीने के लिए मजबूर हैं। कई बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। ड्रेन की गंदगी पर बीमारी फैलाने वाले मच्छर पैदा होते हैं। गर्मी के समय में इसकी गंदगी के लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।

कई बार दे चुके शिकायत नही हुआ समाधान: मनोज सहारण

सेक्टर 18 के रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान मनोज सहारण ने बताया कि ग्योंग ड्रेन के बरसता का पानी निकलने के लिए बनाई गई थी। पिछले 10 सालों से भगत सिंह, बालाजी कालोनी, डिफेन्स कालोनी, फ्रेंड्स कोलोनी, मायापुरी, करनाल रोड चोंक, सरकारी हस्पताल का सीवरेज का गंदा व कचरा मेडिकल वेस्ट भी डाला जाता है। जिस से उनके सेक्टर वासियों में बीमारी फैली रही है। इस समस्या को लेकर उन्होंने पांच-छः बार उच्च अधिकारियों को शिकायत दे चुके हैं। जो केवल मौका निरीक्षण करते हैं। परन्तु आज तक भी समस्या का समाधान नही हुआ।

लोग मकान बेच कर दूसरी जगह पलायन करने को मजबूर: रामफल कोटडा

सेक्टर 18 निवासी रामफल कोटडा ने बताया कि गर्मी के मौसम में ड्रेन से हर समय बदबू आती रहती है। जिससे लोगों का जीना दुश्वार हुआ पड़ा है। इस समस्या के कारण लोग 18 सेक्टर में मकान लेना पसदं नही करते। आलम ये है इस समस्या के चले लोग यहां से अपना मकान बेच कर दूसरी जगह पलायन करने को मजबूर हैं। इस लिए सेक्टर 18 के प्लाटों के रेट में भी भारी गिरावट है। यदि विभाग द्वारा समय-समय पर इसकी सफाई भी की जाए तो बदबू से लोगों को काफी राहत मिल सकती है।

सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रशांत कुमार ने बताया कि टीम के साथ ड्रेन की चार लोकेशन का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि चार जगह पर पर ड्रेन में गंदगी डाली जा रही है। इसको लेकर सभी से जवाब तलब किया गया है। इन पर कार्रवाई के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लिखा जाएगा।

 

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