प्रदेश में औद्योगिक क्रांति दे रही दस्तक, आर्थिक विकास का पहिया पकड़ेगा रफ्तार

Edited By vinod kumar, Updated: 03 Feb, 2020 09:21 AM

industrial revolution is knocking in the state

हरियाणा में औद्योगिक क्रांति दस्तक देने जा रही है। देश की बड़ी इंडस्ट्रीज के साथ-साथ विदेशी कंपनियां भी निवेश का मन बना चुकी हैं। सूत्रों की मानें तो राज्य में जल्द उद्योगों के नए अध्यायों की शुरूआत होगी। राज्य सरकार इंडस्ट्रीयल प्लांट्स के लिए करीब...

चंडीगढ़(अर्चना सेठी): हरियाणा में औद्योगिक क्रांति दस्तक देने जा रही है। देश की बड़ी इंडस्ट्रीज के साथ-साथ विदेशी कंपनियां भी निवेश का मन बना चुकी हैं। सूत्रों की मानें तो राज्य में जल्द उद्योगों के नए अध्यायों की शुरूआत होगी। राज्य सरकार इंडस्ट्रीयल प्लांट्स के लिए करीब 8000 करोड़ रुपए को स्वीकृति प्रदान करने जा रही है।

इलैक्ट्रिकल वाहन, मोबाइल फोन बैटरी, वाहनों की बैटरी, स्टील, सीमेंट इंडस्ट्री से लेकर बासमती चावल और तेल के नए प्लांट प्रदेश में शुरू किए जाएंगे। नए इंडस्ट्रीयल प्लांट्स के बूते हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेंगे और आर्थिक विकास का पहिया भी रफ्तार पकड़ेगा। 

एक दिन में बनेंगी 220 मिलियन लिथियम आयन बैटरीज
चीन की एमप्रैक्स टैक्नोलॉजी लिमिटेड (ए.टी.एल.) कंपनी ने लिथियम आयन पोलीमर बैटरीज का प्लांट लगाने हेतु स्वीकृति मांगी है। ए.टी.एल. चीन की एकमात्र ऐसी कंपनी है,जो पूरी दुनिया को लिथियम आयन बैटरीज बेचती है। वर्ष 1999 में हांगकांग में स्थापित कंपनी की अब चीन में दो मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। स्मार्ट फोन, नोटबुक, दो व तीन पहिया इलैक्ट्रिकल वाहनों,पावर टूल्स, एनर्जी स्टोरेज सिस्टम,वैक्युम क्लीनर आदि में बैटरीज का उपयोग किया जाता है।

कंपनी ने प्रस्ताव सौंपा है कि 7,083 करोड़ का 6 सालों के लिए प्लांट लगाना चाहती है। इसे नूंंह जिला के सोहना की 179 एकड़ जमीन पर स्थापित किया जाएगा। एक दिन में 220 मिलियन बैटरीज का उत्पादन किया जाएगा। पहले फेज दौरान 3,595 करोड़ लगाएगी जबकि दूसरे फेज में 3,488 करोड़ रुपयों का खर्च किया जाएगा। मौजूदा समय में लैड एसिड बैटरी के औद्योगिक प्लांट्स ही चल रहे हैं। लिथियम आयन पोलिमर बैटरीज का चीन से ही आयात किया जा रहा है। लिथियम आयन पोलीमर बैटरी पर्यावरण-मैत्री होती है। 

राइस ऑयल प्लांट में बनेगा खाद्य तेल   
अडानी विल्मर लिमिटेड कंपनी ने बासमती चावल और उसके तेल का प्लांट लगाने की स्वीकृति मांगी है। कंपनी ने 450 करोड़ का प्लांट लगाने का प्रस्ताव सौंपा है। चावलों के अलावा सोया, सरसों, मूंगफली, कपास जैसे खाद्य तेलों के उत्पादन का श्रेय भी कंपनी को जाता है। इसके अलावा कंपनी चावल, दाल, बेसन, गेहूं के आटे का उत्पादन भी करती रही है। तीसरा अहम इंडस्ट्रीयल प्लांट लगाने के लिए देश की ही आरती ग्रीन टैक्नोलॉजी लिमिटेड कंपनी ने स्टील स्क्रैप के सेरेडीन एंड कंप्रैसिंग प्लांट लगाने की इजाजत मांगी है। कंपनी ने 150 करोड़ निवेश करने की बात की है।

चौथा इंडस्ट्रीयल प्लांट लगाने हेतु एशिया की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी वंडर सीमेंट ने 300 करोड़ के प्रोजैक्ट का प्रस्ताव सौंपा है। इंडस्ट्रीयल यूनिट के एक एक्सपर्ट का कहना है कि इंडस्ट्रीयल पॉलिसी और ईज ऑफ डूइंग बिजनैस नीति उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। प्रस्तावों को अब मंजूरी के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता।  

डा. साकेत कुमार, स्पैशल सैक्रेटरी, इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स विंग, हरियाणा ने कहा कि बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हरियाणा की जमीन पर शुरू की जाएंगी। लिथियम आयन बैटरीज का प्लांट शुरू होने से मोबाइल व इलैक्ट्रिकल वाहनों की दुनिया में बदलाव आएगा। ई-वाहनों की संख्या में इजाफा होगा। चीन कंपनी के अलावा कई बड़ी कंपनियां औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का प्रस्ताव दे रही हैं। कुछ प्रोजैक्ट्स को एमपॉवर्ड एग्जीक्यूटिव कमेटी ने मंजूरी प्रदान कर दी है और जल्द हरियाणा एंटरप्राइजेस प्रोमोशन बोर्ड विभिन्न प्रोजैक्ट्स पर मंथन करेगा। 
 

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