Edited By Isha, Updated: 21 May, 2025 11:45 AM

वैश्विक स्तर पर ऊर्जा उत्पादन में सहयोग बढ़ाने के साथ स्मार्ट ग्रिड, प्रीपेड मीटरिंग और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर सहित विस्तारित ट्रांमिशन नेटवर्क में निवेश को बढ़ाना होगा। यह सुझाव भारत के ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने ब्राजील के...
चंडीगढ (चन्द्र शेखर धरणी ): वैश्विक स्तर पर ऊर्जा उत्पादन में सहयोग बढ़ाने के साथ स्मार्ट ग्रिड, प्रीपेड मीटरिंग और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर सहित विस्तारित ट्रांमिशन नेटवर्क में निवेश को बढ़ाना होगा। यह सुझाव भारत के ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने ब्राजील के ब्रासीलिया में आयोजित ब्रिक्स देशों की ऊर्जा मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिया। बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने 2026 में भारत की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली ब्रिक्स देशों की वैश्विक ऊर्जा भूमिका और प्राथमिकताओं को भी साझा किया।
ब्रिक्स देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत-2047 का रोडमैप प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में भारत विश्व में तीसरी बड़ी शक्ति बन गया है, अब भारत का फोकस परमाणु ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है, पिछले दशक में विद्युत क्षमता में 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ऊर्जा उत्पादन को 2025 तक 475 गीगावाट तक पहुंचाना है और 2032 तक 900 गीगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
हरित हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा उत्पादन भारत का लक्ष्य
ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी है साथ ही दूसरे देशों को ऊर्जा का निर्यात किया जा रहा है। ब्रिक्स देशों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में मनोहर लाल ने ऊर्जा क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना है। इसके साथ ही, 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण की उपलब्धि हासिल करना, जैव ईंधन को अपनाना और उत्सर्जन में कमी लाना। मनोहर लाल ने कहा कि हरित हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करना, जिसमें 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु क्षमता का लक्ष्य शामिल है और घरेलू कार्बन क्रेडिट बाजार का शुभारम्भ, वैश्विक सहयोग को आमंत्रित करना है।
ब्रिक्स देशों को मजबूत साझेदारी का किया आह्वान
भारत के ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने जैव ईंधन क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की भूमिका पर भी जोर दिया और ऊर्जा संरक्षण सतत भवन संहिता, छत सौर पहल और कुशल उपकरण मानकों जैसे अभिनव कार्यक्रमों के जरिए ऊर्जा दक्षता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। ऊर्जा मंत्री ने ब्रिक्स देशों को मजबूत साझेदारी का आह्वान किया, खुले, निष्पक्ष और बिना भेदभाव के अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा बाजारों का समर्थन किया तथा ऊर्जा व्यापार में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को प्रोत्साहित किया।
ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने की जरूरत : मनोहर लाल
ब्रिक्स देशों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में भारत के ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने सुरक्षा को वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया तथा आर्थिक स्थिरता और स्थिरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संसाधनों तक समान पहुंच को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने टिकाऊ और समावेशी ऊर्जा भविष्य के निर्माण के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की और ‘अधिक समावेशी और टिकाऊ प्रबंधन के लिए वैश्विक दक्षिण सहयोग को मजबूत करना’ विषय के तहत ब्राजील के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने वैश्विक विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में ऊर्जा सुरक्षा, पहुंच और सामर्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। मनोहर लाल ने वैश्विक ऊर्जा मिश्रण में जीवाश्म ईंधन की महत्वपूर्ण भूमिका को विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए रेखांकित किया। उन्होंने कोयला गैसीकरण, कार्बन कैप्चर एवं भंडारण, और हरित रासायनिक नवाचारों जैसी प्रौद्योगिकियों के माध्यम से उनके स्वच्छ और कुशल उपयोग को बढ़ावा देने में अधिक सहयोग का आह्वान किया।