पशुओं के लिए खतरनाक है हीट स्ट्रोक, दुधारू पर होता सबसे ज्यादा असर... पशुपालक करें ये काम

Edited By Isha, Updated: 20 May, 2025 05:30 PM

heat stroke is dangerous for animals it affects dairy animals the most

जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है, वैसै-वैसे लोगों की परेशानियां भी बढ़ती जा रही है। बढ़ती गर्मी ना केवल इंसानों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है, बल्कि बढ़ते तापमान व गर्मी का  पशुओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है

भिवानी(अशोक) : जैसे-जैसे पारा चढ़ रहा है, वैसै-वैसे लोगों की परेशानियां भी बढ़ती जा रही है। बढ़ती गर्मी ना केवल इंसानों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है, बल्कि बढ़ते तापमान व गर्मी का  पशुओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिसके चलते दुधारू पशुओं में 15 से 20 प्रतिशत तक दूध में भी कमी आई है।


पशुओं में तेज बुखार हो जाता है और पशु चरना भी छोड़ देते है। ऐसे में पशुओं का तुरंत प्रभाव से पशु चिकित्सक से उपचार करवाना चाहिए। इसके अलावा पशु चिकित्सक ने पशु पालकों से आह्वान किया कि वे अपने पशुओं को गर्मी की मार से बचाने के लिए कुछ विशेष सावधानियां बरते।


पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने बताया कि तेज गर्मी व लू की वजह से पशुओं में डी-हाईड्रेशन हो जाता है और शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जिससे पशु की खाल में झुर्रिया दिखाई देती है और नाक भी सूख जाती है, पशु हॉफना भी शुरू कर देता है, तापमान बढऩे से इसका असर नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है, पशु चक्कर खाकर गिर भी सकता है। ऐसे में पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए पशुपालकों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए। 


डा. विजय सनसनवाल ने बताया कि धूप निकलने से पहले व देर रात पशु को नहलाए, दिन में 3-4 बार पानी पिलाए, पशुओं के लिए कूलर का प्रबंध करें, खेतों में रहने वाले पशुओं को अगर पेड़ के नीचे बांधते है तो आसपास सुबह उठते ही ठंडे पानी का छिडक़ाव करे, पशुओं को तूड़ा कम व हरा चारा अधिक दे। डा. विजय सनसनवाल ने बताया कि हरे चारे में भी ध्यान रखे कि कम बढ़ी हुई ज्वार या बाजरा ना दे। अगर हरे चारे में स्प्रे किया गया है तो वो चारा ना खिलाए, पशु को हर रोज 50-50 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं।

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    उन्होंने बताया कि हॉफने वाले पशु के लिए नहर के पास खड़ी हई भांग के पौधें हरे चारे में मिलाकर खिलाने पर बहुत ही फायदेमंद रहते है। लेकिन इसकी मात्रा 300 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए। गर्मी के बुखार के लिए सबसे उपयुक्त उपाय उन्हे सुबह-शाम एक घंटा सूर्योदय से पहले व सूर्यास्त के बाद जोहड़ में रखना है, जिससे तीन-चार दिन में बुखार खत्म हो जाएगा।

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