Edited By Isha, Updated: 08 Jul, 2025 08:07 AM

हरियाणा में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। अब प्रतिष्ठानों व कारखानों में महिलाओं से नाइट शिफ्ट करवाने से पहले उनकी अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा श्रम
चंडीगढ़: हरियाणा में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। अब प्रतिष्ठानों व कारखानों में महिलाओं से नाइट शिफ्ट करवाने से पहले उनकी अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा श्रम विभाग को भी बताना पड़ेगा कि कितनी महिलाएं उनके पास नाइट शिफ्ट (रात की पाली) काम कर रही हैं।
प्रतिष्ठान यह भी तय करेंगे कि महिलाओं की सुरक्षा में कोई कोताही न बरती जाए। हरियाणा सरकार के श्रम विभाग ने महिलाओं को रखने वाले प्रतिष्ठानों व कारखानों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह निर्देश सुरक्षा गार्ड, पर्यवेक्षकों, प्रभारी व अन्य सभी महिलाओं पर लागू होंगे।
यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के तहत कमेटी का करना होगा गठन
अब कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के प्रावधान के तहत एक कमेटी का गठन करना जरूरी हो गया है। प्रतिष्ठान व कारखाना मालिक को न केवल कारखाने के अंदर बल्कि आसपास और उन सभी स्थानों पर उचित प्रकाश व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे, जहां महिला कर्मी अपने काम के दौरान आवश्यकतानुसार बाहर जा सकती हैं।
इन नियमों का करना होगा पालन
- महिला सुरक्षा गार्ड रखना जरूरी, एक बैच में चार महिलाएं होंगी।
- महिला श्रमिकों के आने व जाने के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध करानी होगी। वाहन में महिला सुरक्षा गार्ड होना जरूरी है। वहीं, ड्राइवर अच्छी तरह से प्रशिक्षित और जिम्मेदार होना चाहिए।
- महिला श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक वाहन में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस जरूरी हैं। यदि कोई महिला कर्मी स्वयं कार्यस्थल पर आने की इच्छुक है तो वह अपनी सहमति देकर परिवहन सुविधा से बाहर निकल सकती है।
- कारखाने में कम से कम एक महिला सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराया जरूरी है। इसके साथ ही एक डॉक्टर/महिला नर्स को नियुक्त करके उचित चिकित्सा सुविधा भी प्रदान करनी होगी या फिर नजदीकी किसी अस्पताल के साथ संपर्क रखना होगा।
- अस्पताल, एंबुलेंस, पुलिस जैसे महत्वपूर्ण टेलीफोन नंबर प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित करने होंगे।
- महिलाएं बैच में ही काम कर सकेंगी। एक बैच में कम से कम चार महिलाओं का होना जरूरी है।