Edited By Shivam, Updated: 02 Jan, 2019 01:02 AM
केंद्र सरकार द्वारा गुणवत्ता परक बीजों को किसानों से तैयार कर दलहन फसलों के क्षेत्र में आत्म निर्भर होने के लिए चलाई गई सीड हैब परियोजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर की देखरेख में चलाई गई इस योजना ने देश को दलहनी...
भिवानी(अशोक): केंद्र सरकार द्वारा गुणवत्ता परक बीजों को किसानों से तैयार कर दलहन फसलों के क्षेत्र में आत्म निर्भर होने के लिए चलाई गई सीड हैब परियोजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिसर की देखरेख में चलाई गई इस योजना ने देश को दलहनी फसलों के क्षेत्र में आत्म निर्भर होने की दिशा में कदम बढ़ाया है। सीड हैब परियोजना के तहत आज भिवानी के कृषि विज्ञान केंद्र में चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविालय के उप कुलपति डा. केपी सिंह ने बीज गोदाम एवं प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन किया। इस मौके पर जिले भर से आए प्रगतिशील किसानों व कृषि विज्ञानिकों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते केपी सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत चने व मूंग जैसी दलहनी फसलों के लिए गुणवत्ता पूर्वक बीज तैयार किए जाते हैं। ये बीज कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में प्रगतिशील किसान अपने ही खेतों में तैयार करते हैं, इनके लिए बीज सीड हैब प्रोजेक्ट के तहत उपलब्ध करवाया जाता है। फसल तैयार होने के बाद किसानों से वहीं बीज कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बाजार से 25 से 30 प्रतिशत अधिक दामों पर खरीदा जाता है। जिसकी प्रोसेसिंग कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा करके इस फसल में से गुणवक्का परक बीजों को छांटकर की जाती है तथा आगे यह किसानों को वितरीत किया जाता है।
इस योजना से ना केवल किसानों को फायदा होता है बल्कि देश की दलहनी फसलों पर आत्म निर्भरता भी हो जाती है। इस प्रोजेक्ट के चलते दलहनी फसलों का महंगे दामों पर विदेशाों से आयात करने की आवश्यकता में कमी आई है। इसी के चलते भिवानी बीज गोदाम एवं प्रसंस्करण इकाई की स्थापना आज की गई है। इसके अलावा दो अन्य स्थानों पर भी इस प्रकार क गोदाम प्रदेश में चलाए जा रहे हैं।