Edited By Isha, Updated: 19 Dec, 2025 12:14 PM

मनरेगा का नाम बदलने से लेकर योजना में सही कार्य नहीं होने का आरोप लगाकर जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार को घेरने में लगे हैं, वहीं संसद के शीतकालीन सत्र में स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है।
चंडीगढ़: मनरेगा का नाम बदलने से लेकर योजना में सही कार्य नहीं होने का आरोप लगाकर जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार को घेरने में लगे हैं, वहीं संसद के शीतकालीन सत्र में स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है।
हरियाणा से भाजपा की राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी की ओर से पूछे गए सवाल में केंद्रीय ग्रामीण राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने सभी राज्यों का बजट और श्रम रोजगार की संख्या को सार्वजनिक किया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी योजना (मनरेगा) के तहत हरियाणा में वर्ष 2022 से 2025 तक 8193 श्रमिक परिवारों को रोजगार दिया गया, जो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से अधिक है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले कागजों पर श्रमिक दिखाकर भुगतान किया जाता था, लेकिन अब जियो टैगिंग प्रणाली को अपनाकर सीधे श्रमिकों को खाते में रकम डाली जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसे राज्य सरकार की मदद से और भी पारदर्शी बनाते हुए रोजगार दिवस बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार कार्य दिवस बढ़ाने के लिए उल्लेखनीय प्रयास कर रही है।
कमलेश पासवान ने माना कि कुछ राज्यों की तुलना में हरियाणा को बजट जरूर कम मिला पर जो रकम मिली, उससे योजना पर ईमानदारी के साथ काम किया गया। 15 दिन के अंदर भुगतान प्रणाली को हरियाणा ने पूरी तरह से अपनाया है। किसी कारण विलंब हुआ तो रोजगार पाने वाले श्रमिकों को मुआवजा भी दिया गया।