Edited By Shivam, Updated: 31 Mar, 2020 12:07 PM
जिला मे लॉकडाउन के चलते हल्के-भारी वाहनों के पहिये थम जाने से यहां के बढ़ते प्रदूषण पर भी रोक लगी है, यानि यहां की आबोहवा पहले की उपेक्षा काफी ठीक नजर आ रही हैं। जबकि पूर्व में यहां का प्रदूषण स्तर 100 से 230 माइक्रोग्राम तक रहता था। आईएमटी...
नूंह (ब्यूरो): जिला मे लॉकडाउन के चलते हल्के-भारी वाहनों के पहिये थम जाने से यहां के बढ़ते प्रदूषण पर भी रोक लगी है, यानि यहां की आबोहवा पहले की उपेक्षा काफी ठीक नजर आ रही हैं। जबकि पूर्व में यहां का प्रदूषण स्तर 100 से 230 माइक्रोग्राम तक रहता था। आईएमटी रोजकामेवएरीको भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र के इर्द गिर्द बसे जिला में प्रदूषण की मार से जिलावासी काफी हल्कान थे खासकर दमा व सांस रोगियों की परेशानी अधिक रहती थी।
लॉकडाउन के चलते जिला में प्रदूषण का स्तर 80 माइक्रोग्राम हैं। सन 1970-80 के बीच के वर्षों में ऐसा होता था और अब दमा व श्वांस रोगियों को कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन का फ ायदा पहुंचा है। पर्यावरण प्रेमी नम्बरदार सुरेन्द्र सिंह, मदनलाल, मुकेश जांगिड़, जमील अहमद, अलताफ, मुश्ताक, बलजीत सिंह, राजेन्द्र शर्मा, पिटटी, खलील अहमद, सब्बीर अहमद व भारत भूषण मदान आदि ने बताया कि लॉकडाउन के चलते हल्के भारी वाहनों के पहिये थम जाने व औद्योग धंधे बंद होने से जिला का प्रदुषण स्तर सुधर गया हैं। कई वर्षो बाद साफ हवा नसीब हुई है।