Edited By Saurabh Pal, Updated: 04 Aug, 2024 10:08 PM
सोनीपत जिले के गोहाना के गांव भावड़ में रविवार दोपहर बिना बारिश के सुंदरपुर ब्रांच नहर का पटड़ी 50 फुट से भी ज्यादा टूट गया। इसके चलते नहर का पानी बड़ी तेजी के साथ खेतों में बह रहा है। ग्रामीणों ने इस मामले में प्रशासन को जिम्मेवार...
गोहाना (सुनील जिंदल): सोनीपत जिले के गोहाना के गांव भावड़ में रविवार दोपहर बिना बारिश के सुंदरपुर ब्रांच नहर का पटड़ी 50 फुट से भी ज्यादा टूट गया। इसके चलते नहर का पानी बड़ी तेजी के साथ खेतों में बह रहा है। ग्रामीणों ने इस मामले में प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया है। नहर को बंद करने के लिए मौके पर किसानों और ग्रामीणों की मौके पर भीड़ लगी है। कई घंटे से पानी तूफानी रफ्तार से खेतों में बह रहा है। खेतों में खड़ी धान, ज्वार, कपास और गन्ना की फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
बताया जा रहा है कि करीब दो हजार एकड़ से भी ज्यादा जमीन पानी से लबालब हो गई है। अगर समय रहते नहर को ठीक नहीं किया गया तो हजारों एकड़ खेतों में पानी चला जाएगा। पीछे से पानी को बंद करने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। अगर पानी नहीं रोका गया तो नहर का पानी गांव में भी घुस जाएगा, जिससे किसानों के साथ-साथ आम ग्रामीणों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उधर जैसे ही नहर टूटने की सूचना स्थानीय विधायक इंदुराज नरवाल को मिली, वे भी मौके पर जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने फोन कर अधिकारियों को जल्द से जल्द नहर को बंद करने को कहा।
चूहे के बिल के कारण हो रहा था पानी का रिसाव
किसानों ने बताया कि इसमें चूहे के बिल के कारण कल पानी का रिसाव हो रहा था। इसके बाद नहरी सिंचाई विभाग के अधिकारी को इस बारे में बता दिया गया था कि नहर टूट सकती है। आखिरकार आज यह टूट गई और खेतो में खड़ी सैंकड़ो एकड़ फसल जलमग्न हो गई। सुंदरपुर ब्रांच नहर इन दिनों पानी से लबालब चल रही है। इससे पहले कि टूटे किनारे को ठीक किया जाता, कटाव ज्यादा बढ़ गया। फिलहाल करीब 50 फुट के कटाव से पानी खेतों में जा रहा है। नहर के पानी से सैंकड़ों एकड़ खेत डूब गए हैं। किसानो के खेतों में खड़े ट्रैक्टर और ट्यूबवेल भी पानी में डूब गए।
अधिकारियों की लापरवाही से टूटी नहर: विधायक
नहर टूटने की सूचना मिलते ही ग्रामीण और किसान मौके पर पहुंचे। बड़ी-बड़ी मशीनों से किनारे को पाटने का काम शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने नहर विभाग को नहर पीछे से पानी को रोकने की मांग की गई है, ताकि पानी के बहाव की रफ्तार में कमी आए और किनारे को ठीक किया जा सके। पानी से सैकड़ों एकड़ में खड़ी धान, कपास, गन्ने की फसल पानी में डूब गई है। वहीं स्थानीय विधायक ओर किसानों ने बताया कि यह नहर अधिकारियों की लापरवाही से टूटी है। अगर समय रहते उचित प्रबंध कर दिए जाते तो शायद यह नहीं टूटती। इसके टूटने से काफी बड़ी दरार आ गई, जिससे खेतो में पानी भर गया और फसलें खराब हो गई हैं। अगर समय रहते इसी नहीं रोका गया तो गांव में भी पानी घुस जाएगा।
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