Edited By vinod kumar, Updated: 22 Feb, 2021 07:30 PM
हरियाणा में डोमिसाइल की अवधि 15 साल के कम करके 5 साल करने के फैसले का पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इससे एसी/एसटी पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। वहीं सरकार ने जो कानून बनाया था कि प्राइवेट कंपनियों में 75 हरियाणवी...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा डोमिसाइल के लिए सरकार की ओर से किए गए नियमों में बदलाव का पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इससे एसी/एसटी पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। वहीं सरकार ने जो कानून बनाया था कि प्राइवेट कंपनियों में 75 हरियाणवी होंगे, इस डोमिसाइल के बाद वो कैसे होंगे। प्रदेश में कोई भी 5 साल रहा तो वह हरियाणवी हो गया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल का केंद्र सरकार नया नियम लाई है, जिसमें 15 साल तक रहने वाला वहां का निवासी कहलाएगा। जम्मू में यह डोमिसाइल 15 साल तक कर रहे हैं और हरियाणा में इसको घटा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि इसे तुरंत वापस लिया जाए, ताकि हरियाणा के लोगों को उनका हक मिल सके।
इसके साथ उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार बढ़ाने की नीति पर चल रही है। एसडीओ भर्ती से साबित हो गया कि नौकरी में हरियाणवी को 75% आरक्षण का सरकार का दावा महज जुमला है। प्राइवेट तो दूर, सरकार खुद की भर्तियों में हरियाणवी युवाओं की बजाय अन्य राज्यों के 75% लोगों को नौकरी दे रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा बनाई व दुनिया में सराही गई पदक लाओ-पद पाओ नीति को बीजेपी-जेजेपी सरकार ने ध्वस्त कर दिया। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से एचसीएस, एचपीएस बनने व प्रमोशन का हक छीन लिया। नई खेल नीति में पैरा-ओलंपिक खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर उन्हें ग्रुप-बी तक सीमित कर दिया गया, जो अन्याय है।
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