हरियाणा सरपंच एसोसिएशन का बड़ा फैसला, 22 जुलाई तक सभी सरकारी कार्यक्रमों का किया बहिष्कार

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 10 Jul, 2024 04:42 PM

haryana sarpanch association boycotted government programs till july 22

हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की रोहतक में आयोजित हुई बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर गिल ने ऐलान कर दिया है कि 22 जुलाई तक सरकार के किसी भी कार्यक्रम में सरपंच नहीं जाएंगे और पूर्ण रूप से बहिष्कार...

रोहतक (दीपक भारद्वाज): हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की रोहतक में आयोजित हुई बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर गिल ने ऐलान कर दिया है कि 22 जुलाई तक सरकार के किसी भी कार्यक्रम में सरपंच नहीं जाएंगे और पूर्ण रूप से बहिष्कार रहेगा।

अगर 22 जुलाई तक हरियाणा सरकार सरपंच एसोसिएशन को बुलाकर उनके अधिकारों के बारे में बात नहीं करती तो 25 जुलाई को हरियाणा सरपंच एसोसिएशन बड़े आंदोलन का ऐलान कर देगा। उन्होंने तो यहां तक चेतावनी दे दी कि लोकसभा चुनाव में मौजूदा सरकार सरपंचों की एकता का परिणाम देख चुकी है और अब विधानसभा चुनाव आने वाले हैं।

प्रदेश अध्यक्ष रणबीर गिल ने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरपंचों को बरगलाने के लिए 2 तारीख को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सरपंचों को कुछ पावर देने की घोषणा की। जो प्रदेश के सरपंचों को मंजूर नहीं है। क्योंकि उसमें बहुत सी खामियां हैं। उन्होंने कहा कि सरपंचों ने अपना भत्ता व तनख्वाह बढ़ाने की कोई मांग नहीं की थी। उनकी मांग संविधान में जो पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार दिए गए हैं वे सभी अधिकार सरपंचों को दिए जाने चाहिए।

सरकारी कार्यक्रमों का किया बहिष्कार

बता दें कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सरपंचों की काम करने की राशि 21 लाख रुपए तक बढ़ा दी, लेकिन साथ में 50% की बाउंडेशन भी लगा दी। जिसकी वजह से इस पावर का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए अगर हरियाणा सरकार गांव का विकास चाहती है तो सरपंच एसोसिएशन को बुलाकर बातचीत करें और जहां भी कोई कमियां है उस पर खुले तौर पर बात होनी चाहिए। सरपंच संगठन ने 22 जुलाई तक का समय बातचीत के लिए हरियाणा सरकार को दिया है। अन्यथा 25 जुलाई को सरपंच एसोसिएशन बड़े आंदोलन का ऐलान कर देगी। यही नहीं 22 जुलाई तक हरियाणा सरकार के सभी कार्यक्रमों का बहिष्कार रहेगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सरकार सरपंचों की एकता देख चुकी है। अब हरियाणा के विधानसभा चुनाव आने वाले हैं। सरपंच अब किसी भी बहकावे में आने वाले नहीं है। मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर पीठ थपथपाने के लिए कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में सरपंच नही भाजपा के कार्यकर्ता ही दिखाई दे रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने चैलेंज करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार आई कार्ड के साथ 10 से 15% सरपंचों को कार्यक्रम में बुलाकर दिखा दे, वे मान जाएंगे।

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