Edited By Isha, Updated: 29 Mar, 2020 04:26 PM
कोरोना की मार धरतीपुत्र पर सबसे ज्यादा पढ़ी है ।पशुपालक किसानों के दुधारू पशुओं का दूध इन दिनों खरीदने वाला कोई दूर - दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है । कोरोना की वजह से शहरों में दूध की खपत क
नूह मेवात(ऐ.के बघेल)- कोरोना की मार धरतीपुत्र पर सबसे ज्यादा पढ़ी है ।पशुपालक किसानों के दुधारू पशुओं का दूध इन दिनों खरीदने वाला कोई दूर - दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है । कोरोना की वजह से शहरों में दूध की खपत कम हुई तो , दूधिया से लेकर हरियाणा दुग्ध सहकारी प्रसंघ लिमिटेड ने भी दूध खरीदना कम कर दिया । कई दिन तक तो आलम यह रहा कि जो क्षमता के दुग्ध टैंकर उनके पास थे । वह दूध से लबालब हो गए।
आपको बता दें कि खानपुर घाटी चिलिंग सेंटर प्रदेश का सबसे खूबसूरत चिलिंग सेंटर है । वीटा का यह सेंटर राजस्थान में हरियाणा से तकरीबन दस हजार लीटर दूध प्रतिदिन कोरोना वायरस के लॉकडाउन से पहले खरीद रहा था , लेकिन जैसे ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिन का लॉक डाउन करने की घोषणा की तो अचानक से दूध की खपत दिल्ली एनसीआर में कम हो गई । जिसकी वजह से खानपुर घाटी चिलिंग सेंटर में राजस्थान से आने वाला तकरीबन 6000 लीटर दूध खरीदना बंद कर दिया गया , लेकिन हरियाणा के पशुपालक किसानों का दूध उसी भाव में अभी भी खरीदा जा रहा है ।
दरअसल दूधिया उन्हें किसानों से हरियाणा में भी दूध लेना लगभग पूरी तरह बंद कर दिया है । क्योंकि उसका खरीददार उन्हें नहीं मिल रहा है । इसका असर सरकारी प्रसंघ पर भी पड़ा है । कुल मिलाकर एक तो कुदरत की मार ऊपर से दूध की डिमांड नहीं होने से किसान इस समय बुरे दौर से गुजर रहा है । बेमौसम बरसात में ओलावृष्टि ने फसलों को काफी नुकसान किया जो फसल बच गई । उसे अनाज मंडी में सरकार किस्तों में खरीदने की बात कह रही है । कुल मिलाकर एक तो कोरोना का ख़ौफ़ दूसरा फसलों के नुकसान के साथ-साथ दूध की बिक्री में आई कमी से सबसे ज्यादा किसान परेशान है।