Edited By Isha, Updated: 22 Oct, 2019 09:53 AM
हरियाणा विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में भले ही भारी बहुमत के साथ भाजपा की दोबारा सरकार बनने का दावा किया जा रहा है लेकिन प्रदेश में करीब 65 फीसदी मतदान हुआ है। इस बार पिछले 19 वर्षों
चंडीगढ़ (बंसल/पांडेय): हरियाणा विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में भले ही भारी बहुमत के साथ भाजपा की दोबारा सरकार बनने का दावा किया जा रहा है लेकिन प्रदेश में करीब 65 फीसदी मतदान हुआ है। इस बार पिछले 19 वर्षों में सबसे कम मतदान हुआ है। वर्ष 2014 में जहां 76 फीसदी मतदान हुआ था तो वहीं 6 महीने पहले लोकसभा चुनाव में करीब 70 फीसदी वोट पड़े थे।
सोमवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 6 बजे खत्म हुई थी। लोकतंत्र के महापर्व में प्रदेश की 90 सीटों पर अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए करीब 65 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
सुबह से ही मतदान की रफ्तार सुस्त रही। लोगों में वह उत्साह नजर नहीं आया, जो पिछले चुनावों में नजर आता रहा है। हरियाणा के चुनाव में वोटरों के घर से नहीं निकलने के पीछे राजनीतिक पंडित सरकार से निराशा को प्रमुख वजह बता रहे हैं।
6 महीने में 5 फीसदी घट गया मतदान प्रतिशत
विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर भले ही चुनाव आयोग की ओर से तमाम तरह से प्रयास किए गए हो लेकिन बीते पांच वर्षों में 11 फीसदी मतदान प्रतिशत कम होने से आयोग को भी निराशा हाथ लगी है। अहम यह है कि करीब 6 महीने लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 70 फीसदी जनता ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था लेकिन इस बार उसमें भी 5 फीसदी की गिरावट आ गई। मतदान प्रतिशत कम होने से खुद निर्वाचन विभाग के अफसर भी आश्चर्यचकित हैं।
अहोई अष्टमी व्रत होने से महिलाओं ने कम की वोटिंग : शैलजा
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि मतदान के दिन आज अहोई अष्टमी का व्रत होने से काफी संख्या में महिलाओं ने वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। हरियाणा में अहोई अष्टमी का व्रत रखने वाली महिलाओं की तादात काफी है। हालांकि चुनाव आयोग के पास अब तक कोई ऐसा डाटा नहीं आया है, लेकिन कांग्रेस ने इसे एक खास वजह बताई है।