Edited By Mohammad Kumail, Updated: 03 Apr, 2023 07:05 PM

उम्र के एक पड़ाव में जहां अक्सर लोग चारपाई पकड़ लेते हैं, वहीं रोहतक की 64 वर्षीय कमलेश राणा ने पूरे भारत में 5200 किलोमीटर साइकिल चलाकर रिकॉर्ड कायम किया है...
रोहतक (दीपक भारद्वाज) : उम्र के एक पड़ाव में जहां अक्सर लोग चारपाई पकड़ लेते हैं, वहीं रोहतक की 64 वर्षीय कमलेश राणा ने पूरे भारत में 5200 किलोमीटर साइकिल चलाकर रिकॉर्ड कायम किया है। कमलेश राणा का एक ही मकसद था कि लोग व्यायाम कर शुगर खत्म कर सकते हैं और यही संदेश उन्होंने लगभग ढाई महीने में कन्याकुमारी से कश्मीर तक साइकिल चलाकर हर प्रदेश में जाकर लोगों को दिया है।
पहले रोजाना साइकिल चलाकर अपनी शुगर ठीक की, फिर लोगों को जागरुक करने के लिए साइकिल पर निकल पड़ी। 64 साल की उम्र है लेकिन हौसला बुलंद है। कमलेश राणा की बेटी को अपनी मां के कारनामे पर गर्व है। उनकी मां ने इससे पहले योगा टीचर रहते हुए 2010 में एशियन गेम में गोल्ड मेडल भी जीता हुआ है। आज रोहतक पहुंचने पर कमलेश राणा का जोरदार स्वागत किया गया।
रोहतक की 64 वर्षीय कमलेश राणा ने बताया कि उनके पति के निधन के बाद वह अक्सर डिप्रेशन में रहने लगी थी। जिस कारण उन्हें शुगर हो गया था और हार्टबीट भी बढ़ गई थी। उसके बाद उन्होंने साइकिल चलाना शुरू किया, जिससे उन्होंने सारी बीमारियों पर काबू पा लिया। विश्वास के साथ अनुभव बांटने के लिए भारत भ्रमण पर निकल पड़ी, ताकि शुगर जैसी भयानक बीमारी से घिरे लोगों को व्यायाम करने के संदेश से राहत मिल सके। कश्मीर से कन्याकुमारी तक बहुत सी समस्याओं को झेला लेकिन इरादा नहीं बदला। अंत में उन्होंने उम्र दराज लोगों को कहा है कि वह उम्र को अपने ऊपर भार ना बनने दें और कुछ ना कुछ जरूर करते रहें। साथ ही उन्होंने स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों से अपील की है कि वह मोटरसाइकिल की बजाए साइकिल से अपने स्कूल और कॉलेज पहुंचे ताकि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे, पर्यावरण भी ठीक हो और पैसे की बचत हो।
कमलेश राणा की बेटी पुष्पा राणा ने बताया कि उनकी मां में शुरू से ही दूसरों के लिए जीने की चाह रही है। वह योगा टीचर थी और बहुत सारे स्कूलों में उन्होंने योगा सिखाया है। साथ ही 2010 में उन्होंने साइकिल में एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल भी जीता हुआ है। उनकी मां का संदेश बेतहाशा बढ़ती हुई दवा कारोबार पर भी चोट करता है। जिन्होंने लोगों को बीमार बना दिया है। उनका कहना है की साइकिल ही नहीं कोई भी व्यायाम करने के बाद हम अपनी सेहत को ठीक रख सकते हैं। और यही साइकिल का भ्रमण करने का मकसद उनकी मां का रहा है। इस उपलब्धि पर उन्हें अपनी मां पर बहुत गर्व है।
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