Edited By Manisha rana, Updated: 05 May, 2025 01:16 PM

भिवानी में एक किसान के बेटे सचिन ने संघर्ष की नई कहानी लिखी है। जो UPSC की तैयारी करने वाले हर बच्चे को प्रेरणा देगी।
भिवानी (अशोक भारद्वाज) : भिवानी में एक किसान के बेटे सचिन ने संघर्ष की नई कहानी लिखी है। जो UPSC की तैयारी करने वाले हर बच्चे को प्रेरणा देगी। ये वही सचिन है जिसे एक स्कूल ने नालायक समझ कर निकाल दिया था। दुसरे स्कूल ने अपनाया तो अब इसने UPSC की परीक्षा पास कर डाली। हम बात कर रहे हैं भिवानी के बडेसरा गांव निवासी सचिन पंवार की। जिसके पिता गर्मी सर्दी की परवाह ना कर धरती का सीना चीर कर जैसे तैसे अपने परिवार का पेट भर रहे थे। उसने अपने बेटे सचिन को भिवानी के निजी स्कूल में पढ़ने भेजा। पर उस स्कूल ने उसे नालायक समझ कर निकाल दिया।
पिता का हल छुड़वाने के लिए हल की UPSC की परीक्षा
सचिन पंवार ने फिर अन्य स्कूल में दाखिल लिया। यहां उसने अपने गेम को छोड़ कर पढ़ाई पर ध्यान किया। देखते ही देखते अब सचिन ने अपने पिता का हल छुड़वाने के लिए UPSC की परीक्षा हल की और 612वां रैंक हासिल किया। संघर्ष की ये कहानी सुनाने और दूसरे बच्चों को मोटिवेट करने अपने स्कूल पहुंचे थे।
परिणाम से ज्यादा अपने प्रयास में कामयाबी ढूंढे
सचिन पंवार ने कहा कि UPSC की तैयारी के लिए काफी पढ़ना पढ़ता है। प्री इग्जाम में 7-8 तो मेंस में 10-10 घंटे तैयारी करनी पड़ती है। सचिन का कहना है कि परिणाम से ज़्यादा अपने प्रयास में कामयाबी ढूंढे। ये मुकाम हासिल करने में उसके माता पिता, गुरू व साथियों का सहयोग है।
वहीं सचिन के गुरू समशेर सिंह ने सचिन के संघर्ष व कामयाबी पर बताया कि बच्चे सभी बराबर होते हैं। पर जब कोई बच्चा फेल होता है तो बच्चा नहीं, असल में पैरेंट्स व टीचर फेल होते हैं। उन्होंने कहा कि सचिन को डायरेक्शन दी तो वो डीयू में गया, जहां पर्सनेलिटी डेवलप होती है और कॉम्पिटिशन बीट होता है।
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