Edited By Saurabh Pal, Updated: 11 Feb, 2024 08:59 PM
किसानों के दिल्ली कूच ऐलान के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और किसान संगठन आमने सामने हो गए हैं। किसान नेताओं ने किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे प्रबंधों पर नाराजगी जताई है...
चंडीगढ़ः किसानों के दिल्ली कूच ऐलान के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और किसान संगठन आमने सामने हो गए हैं। किसान नेताओं ने किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे प्रबंधों पर नाराजगी जताई है। गौरतल है कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 7 जिलों में इंटनेट बंद कर दिया है। बॉर्डरों पर किसानों को रोकने के लिए सड़कों को बंद किया जा रहा है। सड़क को बड़े पत्थरों कंटीले तारों से बंद किया गया है। इतना ही नहीं कई सड़कों में बड़े बड़े गड्ढे खोद दिए गए हैं।
वहीं मुख्यमंत्री किसानों की नाराजगी पर जवाब देते हुए कहा कि किसान ट्रैक्टर पर हथियार बांधकर ले जाएंगे तो उन्हें हम क्यों ने रोंके। हरियाणा में पंजाब के किसान न घुस पाएं इसको लेकर बॉर्डर सील किए जा चुके हैं।
किसानों को उकसा रही सरकार
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि एक बातचीत की बात कही जा रही है। दूसरी तरफ हरियाणा के हालात बिगाड़े जा रहे हैं। बाचीत से हल नहीं निकलता तो सारे प्रबंध किए जाते। इंटरनेट बंद कर लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है। डल्लेवाल ने कहा कि ऐसा लगता है कि हरियाणा सरकार खुद किसानों को उकसा कर माहौल खराब करना चाहती है। सरकार बातचीत से भागना चाहती है। अगर हालात खराब होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी खट्टर सरकार होगी।
'लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन तय मानक के अनुसार होना चाहिए'
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली जाने से किसानों को कई रोक नहीं रहा है। जाने के कई साधन हैं बस और ट्रेन से जा सकते हैं। जरूरी है कि ट्रैक्टर से जाएं। उसके आगे हथियार बांधकर ले जाएँगे। कानून व्यवस्था का भी ध्यान रखना पड़ता है। लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन एक तय मानक के अनुसार होना चाहिए।
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