Edited By vinod kumar, Updated: 06 Jun, 2020 03:30 PM
गर्मी के माैसम में हर दुकान और रेहड़ी पर तरबूज दिखाई देता है। सस्ता हाेने के चलते हर काेई इसे खरीदता है। इस तरबूज में काफी बीज हाेते हैं, लेकिन अब ऐसा तरबूज तैयार हाे गया। जिसके बीच बीज नहीं है। हरियाणा के पानीपत में नेशनल अवार्ड विजेता किसान...
पानीपत (सचिन नारा): गर्मी के माैसम में हर दुकान और रेहड़ी पर तरबूज दिखाई देता है। सस्ता हाेने के चलते हर काेई इसे खरीदता है। इस तरबूज में काफी बीज हाेते हैं, लेकिन अब ऐसा तरबूज तैयार हाे गया। जिसके बीच बीज नहीं है। हरियाणा के पानीपत में नेशनल अवार्ड विजेता किसान रामप्रताप ने बिना बीज वाला तरबूज उगाने में सफलता हासिल की है। इस शुगर फ्री तरबूज में पानी व मिठास 13 प्रतिशत अधिक है। अब लाेगाें का बिना बीज वाला तरबूज खाने का सपना पूरा हाे सकेगा।
एक तरबूज का वजन 4 से 6 किलो के बीच हो रहा है। किसान ने इसका बीज ताइवान से मंगवाया था ,ताकि हर कोई इस तरबूज काे खा सके। अब बच्चों, बुजर्गो और खास ताैर पर शुगर के मरीजों की पसंद को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से बिना बीज वाला तरबूज तैयार किया गया है। जो की शुगर फ्री है। इसमें बीज नहीं होने के साथ-साथ अन्य तरबूज की तुलना में पानी की भी मात्रा और मिठास भी 13% अधिक है। इस विशेष किस्म वाले तरबूज उगाने का ट्रायल सिवाह के किसान रामप्रताप के खेत में लिया गया है।
किसान रामप्रताप का कहना कि आम तरबूज के मुकाबले इस तरबूज में मिठास 13% अधिक है, लेकिन यह पूरी तरह से शुगर फ्री है। एक तरबूज का वजन 4 से 6 किलो के बीच हो रहा है। रामप्रताप ने बताया कि एक कनाल में 500 पौधे लगाए गए थे। सभी के सभी पौधों से अभी उत्पादन शुरू हुआ है। अन्य किसान इस किस्म के तरबूज को उगाएंगे तो उनको बाजार में अच्छे भाव भी मिलेंगे और डिमांड भी ज्यादा होगी।
कम मेहनत ज्यादा उत्पादन
इसकी विशेषता यह भी है कि इसमें मेहनत कम है और उत्पादन ज्यादा है। रामप्रताप का कहना है कि इसकी खेती करने वाले अन्य किसानों को भी विभिन्न माध्यमों से प्रेरित किया जा रहा है। उन्हाेंने बताया की विभाग द्वारा-समय समय पर उन्हें जानकारी करवाई जाती हे।