हरियाणा कांग्रेस में चरम सीमा पर गुटबाजी, हुड्डा के विपक्ष जनता के समक्ष कार्यक्रम से सैलजा ने झाड़ा पल्ला

Edited By vinod kumar, Updated: 26 Sep, 2021 08:30 PM

factionalism at the peak in haryana congress

पंजाब के बाद अब हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी तेज हो गई है। हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा में कुछ ठीक नहीं चल रहा। कुमारी सैलजा ने पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा 10 अक्टूबर से करनाल में विपक्ष जनता के समक्ष...

चंडीगढ़ (धरणी): पंजाब के बाद अब हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी तेज हो गई है। हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा में कुछ ठीक नहीं चल रहा। कुमारी सैलजा ने पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा 10 अक्टूबर से करनाल में विपक्ष जनता के समक्ष कार्यक्रम से पल्ला झाड़ लिया है। कुमारी शैलजा ने चंडीगढ़ में आज बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है।

हरियाणा के अंदर बीजेपी के मंत्री व नेता पहले ही इस बात पर प्रश्न उठा रहे हैं की भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस कार्यक्रम का नाम विपक्ष जनता के समक्ष क्यों रखा है? इसका नाम कांग्रेस जनता के समक्ष क्यों नहीं रखा गया। करनाल जिला जहां कांग्रेस के एक मात्र विधायक असंध से शमशेर सिंह गोगी हैं। शमशेर सिंह गोगी की गिनती कुमारी सैलजा के समर्थित विधायकों में होती है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हुड्डा के निवास स्थान पर शमशेर सिंह गोगी बड़ा ही स्पष्ट शब्दों में पहले ही कह चुके हैं कि विपक्ष जनता के समक्ष नाम ठीक नहीं है। क्योंकि विपक्ष में लोकदल, इनेलो, आम आदमी पार्टी भी आ जाते हैं। इस कार्यक्रम का नाम कांग्रेस जनता के समक्ष रखना चाहिए तथा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कुमारी सैलजा को विश्वास में लेकर यह कार्यक्रम बनाना चाहिए।

बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के द्वारा पिछले दिनों विधायक दल की मीटिंग चंडीगढ़ में अपने निवास स्थान पर बुलाई गई तथा उसके अगले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी गई कि हरियाणा में विपक्ष जनता के समक्ष कार्यक्रम 10 तारीख से शुरू किया जा रहा है। यह कार्यक्रम पहले जिला स्तर पर होगा उसके बाद यह कार्यक्रम हर विधानसभा स्तर पर होगा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा हर जगह रात्रि प्रवास भी करेंगे, लेकिन कुमारी सैलजा के द्वारा हुड्डा के इस कार्यक्रम पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए पल्ला झाड़ने से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस संगठन का भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यक्रम से कोई लेना देना नहीं है।

पंजाब के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कैप्टन अमरेंद्र की कुर्सी मुख्यमंत्री पद से जैसे गई तथा चरणजीत सिंह चन्नी जैसे मुख्यमंत्री बने उसके बाद से राजनीतिक समीक्षक यह कयास पहले दिन से लगा रहे हैं कि कांग्रेस के अंदर पार्टी आलाकमान अब सख्त तेवर दिखाने के मूड में है। चर्चा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी सरकार के 2 साल पूरे होने के बाद 10 तारीख से करनाल से विपक्ष जनता के समक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करने का मन इसलिए बनाया है ताकि पूरे हरियाणा में घूम कर अपने पुराने साथियों कार्यकर्ताओं का मनोबल लगातार बढ़ा सकें। 

उल्लेखनीय है कि पिछले डेढ़ साल से कोविड-19 के चलते राजनीतिक गतिविधियां अधिकांश बड़े नेताओं की ठंडे बस्ते में है। कुमारी सैलजा के द्वारा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यक्रम से दूरी बनाने से स्पष्ट हो रहा है कि हरियाणा कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस के बड़े दिग्गज नेताओं में प्रदेश के अंदर ऊपर से भले ही एकता दिखाने की कोशिश होती है मगर अंदरुनी रूप से वर्चस्व की लड़ाई अब जगजाहिर होने लगी है। इससे पहले अशोक तंवर जब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे तब भी हरियाणा के अंदर कांग्रेस की गुटबाजी चरम सीमा पर सब ने देखी है।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस संगठन के गठन व जिला स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्तियों को लेकर जिस प्रकार से पिछले दिनों विधायक दिल्ली में परिक्रमा करते रहे वह किसी से छुपा नहीं है। अशोक तंवर जब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे तब भी कांग्रेस के विधायकों के द्वारा दिल्ली दरबार की परिक्रमा तंवर हटाओ कांग्रेस बचाव के लिए की जाती थी। इस बार भी विधानसभा में कांग्रेस के अंदर ज्यादातर विधायकों में बहुतायत विधायक भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के द्वारा विधायक दल की बैठक बुलाकर विपक्ष जनता के समक्ष कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार किए जाने के पीछे भी राजनीतिक सोच बताई जाती है। 

हरियाणा की राजनीति में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का रुतबा कांग्रेस के सब नेताओं में मजबूत नजर आता है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की सूची व जिला अध्यक्ष की सूची लगातार लटकती आ रही है। कांग्रेस आलाकमान के द्वारा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को झटका देकर जिस प्रकार से चरणजीत सिंह चन्नी को ताज दिया गया उससे अब पार्टी के बड़े नेताओं को परेशानी होना स्वाभाविक है। चर्चा है कि कुमारी सैलजा जिस प्रकार से हुड्डा के इस आयोजन से पल्ला झाड़ रही हैं उससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस व विधायक दल आमने सामने अलग अलग राजनीतिक दिशा में चलते नजर आ सकते हैं। 

 

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