Edited By Isha, Updated: 11 Oct, 2024 02:31 PM
हाल ही में हरियाणा की 15वीं विधानसभा के लिए संपन्न हुए चुनाव के परिणामों में जहां भारतीय जनता पार्टी 48 सीट जीतने के बाद हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। वहीं, 38 सीट
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : हाल ही में हरियाणा की 15वीं विधानसभा के लिए संपन्न हुए चुनाव के परिणामों में जहां भारतीय जनता पार्टी 48 सीट जीतने के बाद हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है।
वहीं, 38 सीट हासिल करने के बावजूद कांग्रेस का एक दशक के बाद सत्ता में वापसी का ख्वाब भी अधूरा रह गया है। इसी के साथ इस चुनाव के बाद चौधरी देवीलाल की राजनीतिक विरासत वाली इंडियन नेशनल लोकदल की मान्यता 2 सीट पर जीत हासिल करने के बाद भी खतरे में पड़ गई है। हालांकि देवीलाल की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने का दावा करने वाली जननायक जनता पार्टी के भविष्य पर भी इस चुनाव के बाद सवाल खड़े हो गए हैं। फिलहाल चुनाव आयोग के नियमों के चलते जेजेपी को अगले चुनाव तक राहत मिलती दिखाई दे रही है।
वोट प्रतिशत ने बढ़ाई चिंता
2024 के विधानसभा चुनाव में इनेलो और जेजेपी को मिली वोट के प्रतिशत का आंकड़ा दोनों पार्टियों के लिए चिंता जनक है। इनेलो को कुल 4.14 प्रतिशत और जेजेपी को केवल 0.90 प्रतिशत वोट ही मिले हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार इनेलो को 5,75,192 और जजपा को 1,25,022 वोट ही मिले हैं। संविधान के जानकार और हरियाणा विधानसभा से स्पेशल सचिव के पद से सेवानिवृत्त
रामनारायण यादव की माने तो इस खराब प्रदर्शन के बाद इनेलो का हरियाणा में मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल का दर्जा खतरे में है।
इनेलो की हालत
इनेलो को 1998 के लोकसभा चुनावों में 4 सीटें जीतने के बाद क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त हुआ था, जो आज तक कायम है। हालांकि 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इनेलो का प्रदर्शन खराब रहा। 2019 के लोकसभा चुनाव में इनेलो को 1.9 प्रतिशत और विधानसभा चुनाव में 2.44 प्रतिशत वोट मिले थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इनेलो का वोट शेयर केवल 1.74 प्रतिशत रहा और हाल ही में संपन्न हुए 2024 के विधानसभा चुनाव में इसे 4.14 प्रतिशत वोट ही मिले। चूंकि इनेलो लगातार दो लोकसभा और विधानसभा चुनावों में न्यूनतम सीटें और वोट प्रतिशत हासिल करने में विफल रहा है। इसलिए इसका क्षेत्रीय दल का दर्जा समाप्त हो सकता है।
जेजेपी की हालत
जेजेपा ने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतकर और लगभग 15 प्रतिशत वोट शेयर लेकर क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल किया था। हालांकि 2024 के विधानसभा चुनाव में जेजेपा को सिर्फ 0.90 प्रतिशत वोट ही मिले, लेकिन वह एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई। इसके बावजूद चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार जेजेपा का दर्जा अगले चुनाव तक सुरक्षित रहेगा क्योंकि इसे 2019 में पर्याप्त वोट और सीटें प्राप्त हुई थीं। बता दें कि पिछले चुनाव में जजपा ने 10 विधानसभा सीटें जीतीं थीं।
यह है कानूनी प्रावधान
संविधान के जानकार और हरियाणा विधानसभा से स्पेशल सचिव के पद से सेवानिवृत्त रामनारायण यादव ने बताया कि चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आबंटन) आदेश 1968 के अनुसार किसी भी राजनीतिक दल को क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिए विधानसभा चुनावों में कम से कम 6 प्रतिशत वोट और 2 सीटें जीतनी अनिवार्य हैं। इसके अलावा यदि कोई पार्टी लोकसभा चुनाव में 6 प्रतिशत वोट और 1 सीट जीतती है या 8 प्रतिशत वैध वोट हासिल करती है, तो भी उसे क्षेत्रीय दल का दर्जा मिल सकता है। इनेलो इन सभी मानकों पर विफल रही है, जिससे उसका दर्जा समाप्त होने की संभावना है। यादव ने बताया कि क्षेत्रीय दल की मान्यता खत्म होने के बाद इनेलो का चुनाव चिन्ह पर अधिकार भी खत्म हो जाएगा। वह एक फ्री निशान होगा, जिस पर कोई भी दावा कर सकता है।
जेजेपी को इसलिए मिली राहत
संविधान के जानकार और हरियाणा विधानसभा से स्पेशल सचिव के पद से सेवानिवृत्त रामनारायण यादव ने बताया कि 2016 में चुनाव आयोग ने आदेश में संशोधन करते हुए यह प्रावधान जोड़ा था कि यदि किसी पार्टी का प्रदर्शन एक चुनाव में खराब होता है, तो उसका दर्जा अगले चुनाव तक सुरक्षित रहता है। हालांकि इनेलो के लिए यह प्रावधान लागू नहीं होगा क्योंकि यह लगातार दो लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर सका है। दूसरी ओर जजपा का दर्जा अगले विधानसभा चुनाव तक बरकरार रह सकता है, जब तक कि वह उस चुनाव में न्यूनतम आवश्यक सीटें और वोट हासिल करने में विफल न हो।