Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 02 Aug, 2025 01:12 PM

मानेसर नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 5 अगस्त का दिन निर्धारित किया है। इस तारीख की घोषणा के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
गुड़गांव, (ब्यूरो): मानेसर नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 5 अगस्त का दिन निर्धारित किया है। इस तारीख की घोषणा के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एक तरफ जहां नगर निगम मानेसर के अधिकारी चुनाव की तैयारियों में लग गए हैं वहीं, दूसरी तरफ भाजपा में भी हलचल दिखाई दे रही है। सीधे तौर पर कहें तो केंद्रीय मंत्री एवं गुड़गांव के सांसद राव इंद्रजीत गुट और कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के गुट में खींचतान साफ दिखाई दे रही है। वहीं पूरे हरियाणा की नजरें एक बार फिर मानेसर नगर निगम के चुनाव पर टिक गई हैं। वहीं, सूत्रों की मानें तो भाजपा के नव निवार्चित पार्षदों सहित कुल 14 पार्षद भी चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले ही अंडरग्राउंड हो गए हैं। इन सभी पार्षदों को चुनाव के दिन यानी 5 अगस्त को सीधे वोटिंग बूथ पर लाया जाएगा।
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आपको बता दें कि पिछले दिनों प्रदेश भर में हुए निकाय चुनावों के दौरान मानेसर नगर निगम की सीट ऐसी रही जो भाजपा के हाथ से फिसल गई। यहां भाजपा प्रत्याशी सुंदर लाल यादव को हराकर निर्दलीय प्रत्याशी इंद्रजीत कौर यादव ने अपनी जीत दर्ज की। वहीं, अब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो 14 पार्षदों को शुक्रवार रात को ही नेपाल भेज दिया गया। इसके पीछे केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह को झटका देने की कोशिश है। माना जा रहा है कि नगर निगम चुनाव में मेयर पद के उम्मीदवार सुंदर लाल को जिताने के लिए कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने पूरा जोर लगा दिया था। केंद्रीय मंत्री सहित मुख्यमंत्री व भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी सुंदर लाल को जिताने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए मानेसर क्षेत्र में रैलियां की थी, लेकिन भाजपा में रहते हुए सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ने अंदरखाने निर्दलीय प्रत्याशी इंद्रजीत का साथ दिया था जिसके कारण वह चुनाव जीती। अब यही माना जा रहा है कि नेपाल भेजे गए पार्षदों के सिर पर कैबिनेट मंत्री राव नरबीर का हाथ है ताकि इस बार केंद्रीय मंत्री को झटका दिया जा सके।
सूत्रों की मानें तो मानेसर मेयर पद का भाजपा की झोली से फिसलने का झटका सीधे तौर पर कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह को लगा। इसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर उन्होंने अपने समर्थक पार्षदों को बैठाने के लिए अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी थी और चुनाव की तारीख की घोषणा होने से पूर्व उन्होंने 7 निर्दलीय पार्षदों को अपने साथ मिला लिया और भाजपा के सात पार्षदों के साथ उन सभी 14 पार्षदों को नेपाल भेज दिया। इन पार्षदों को नेपाल भेजे जाने से पहले केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत के खेमे ने 12 पार्षदों को गुवाहाटी और गोवा भेज दिया था। यहां से वापस आने के बाद पार्षदों ने स्वयं ही घूमने जाने की बात कही। अब चुनाव की तारीख की सुगबुगाहट होते इंद्रजीत खेमा दोबारा सक्रीय हुआ और पार्षदों से संपर्क करने लगा तो कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने अपना दांव चलते हुए 14 पार्षदों को नेपाल भेज दिया।
वहीं, पिछले दिनों एक मानेसर भाजपा पार्षद के साथ हुई मारपीट के मामले में मानेसर में मारपीट का एक केस दर्ज कराया गया था। इसमें मानेसर मेयर डॉ इंद्रजीत कौर यादव के पति राकेश यादव को भी नामजद कराया गया था। इसके बाद 8 जुलाई को गांव हयातपुर में हुई पंचायत में मेयर डॉ इंद्रजीत कौर यादव फूट-फूट कर रोई थी और उन्होंने कैबिनेट मंत्री राव नरबीर पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में मेयर ने कोर्ट का सहारा लिया और यह मामला समाप्त हो गया, लेकिन इस प्रकरण के बाद अहीरवाल के दोनों नेताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई थी और अब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर भी राजनीति तेज हो गई है।