NTA की एक और लापरवाही, एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट न घोषित होने से छात्र परेशान...निजी यूनिवर्सिटियों में सीटें भरीं

Edited By Saurabh Pal, Updated: 23 Jul, 2024 08:56 PM

due to the negligence of nta admission of lakhs of students got stalled

केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में यूजी कक्षाओं (बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए) आदि में दाखिला लेने हेतु केन्द्र सरकार की नेशनल टैस्टिंग एजेंसी एनटीए द्वारा मई माह में अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा केंद्र बनाकर सीयुइटी सैंट्रल यूनिवर्सिटी इन्ट्रेंस टेस्ट...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में यूजी कक्षाओं (बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए) आदि में दाखिला लेने हेतु केन्द्र सरकार की नेशनल टैस्टिंग एजेंसी एनटीए द्वारा मई माह में अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा केंद्र बनाकर सीयुइटी सैंट्रल यूनिवर्सिटी इन्ट्रेंस टेस्ट आयोजित किया गया। जिसमें पूरे भारत देश से 13 लाख से ज्यादा युवाओं ने हिस्सा लिया। इस दाखिला टेस्ट का परिणाम 30 जून तक घोषित होना था, परन्तु एनटीए अधिकारियों की लापरवाही से  परिणाम अभी तक भी घोषित नहीं किया गया।

जानकार सूत्रों ने बताया कि एनटीए द्वारा अभी तक केवल प्रारम्भिक आंसर की जारी करके उस पर आपत्तियां मांगी गई हैं, जिस पर बहुत से विधार्थियों ने अपनी अपनी आपत्तियां दर्ज करा दी है, व बहुत से विधार्थियों का दोबारा से टेस्ट भी हो गया है।  इसे हुए काफी समय बीत गया है, परन्तु फाइनल आंसर की व फाइनल परिणाम अभी तक भी घोषित नहीं किया गया है। जिस कारण लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। सूत्रों के अनुसार प्राइवेट यूनिवर्सिटी कॉलेज वाले उन विद्यार्थियों को जो ज्यादा फीस दे सकते हैं ,उनके एडमिशन अपनी अपनी यूनिवर्सिटी में कर रहे हैं व उनमें से बहुत सी यूनिवर्सिटी व कालेजों ने पढ़ाई भी शुरू करवा दी है।

जिससे प्राइवेट यूनिवर्सिटी में सीटें भी लगातार भरती जा रही हैं। सीयूइटी के परिणाम के सहारे वाले उम्मीदवार केवल मुंह ताकते रह जा रहे हैं। सीयूइटी के अंतर्गत लगभग 50 केंद्रीय विश्वविद्यालय व बहुत सी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में विधार्थियों का दाखिला होता है। परंतु यह प्रक्रिया सीयूजीटी, यूजी कक्षाओं का रिजल्ट घोषित न होने की वजह से रुकी पड़ी है। जबकि इस परीक्षा से सम्बंधित कोई भी  शिकायत नहीं हुई है, ना ही इसमें कोई पेपर लीक हुआ है, न ही इसमें अन्य किसी प्रकार की कोई शिकायत मिली है। 

विद्यार्थियों का कहना है कि एनटीए अधिकारियों की इस लापरवाही पर केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हस्ताक्षेप करके लाखों युवाओं का भविष्य धूमिल होने से बचना चाहिए। ताकि भारत देश के लाखों युवा अपनी यूजी कक्षाओं बीए ,बीकॉम ,बीएससी ,बीबीए आदि की पढ़ाई के लिए अपनी पसंद के केंद्रीय विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी में दाखिला ले सकें।

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