Edited By Saurabh Pal, Updated: 19 Sep, 2023 10:46 AM

शहर में बीते 8 मार्च को सीआरपीएफ के रिटायर्ड जवान से 8 लाख रुपए रिश्वत लेने का मामला प्रकाश में आया था। जिसमें डीएसपी जय प्रकाश को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने आरोपी डीएसपी को भगौड़ा घोषित कर दिया है। इसके साथ ही एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने डीएसपी...
गुरुग्रामः शहर में बीते 8 मार्च को सीआरपीएफ के रिटायर्ड जवान से 8 लाख रुपए रिश्वत लेने का मामला प्रकाश में आया था। जिसमें डीएसपी जय प्रकाश को आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने आरोपी डीएसपी को भगौड़ा घोषित कर दिया है। इसके साथ ही एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने डीएसपी पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा है।
डीएसपी जय प्रकाश रेवाड़ी जिले के रहने वाले हैं। इनके खिलाफ 8 मार्च को भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया गया था। इसके बाद से वह फरार चल रहा है। जयप्रकाश बिलासपुर पुलिस थाने में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत था। बाद में प्रमोशन होने पर डीएसपी बन गया। इसके बाद नूंह में उसे पोस्टिंग मिल गई। जांच बढ़ने पर एसीबी ने गिरफ्तारी के प्रयास किए तो वह फरार हो गया। उनका मुख्यालय पंचकूला हेडक्वार्टर किए जाने के भी पहले आदेश हो चुके हैं, लेकिन उसने ज्वॉइन नहीं किया।
पैरामिलिट्री फोर्स केंद्रीय रिजर्ब सुरक्षा बल से सेवानिवृत्त हुए सुरेश चंद व उनके परिवार के खिलाफ 6 केस दर्ज किए गए थे। जिन्हें खत्म करने के लिए आरोपी ने 8 लाख रुपये लिए थे। शिकायत एसीबी से की गई। जिस एसआई नरेंद्र वड कांस्टेबल आजाद सिंह के खिलाफ केस दर्ज हुआ। शिकायतकर्ता ने तत्कालीन इंस्पेक्टर जयप्रकाश को मुख्य आरोपी बताया था। 2020 में पिता व भाई के साथ जमीन बंटवारे को लेकर सुरेश का विवाद हुआ था, जिसकी बिलासपुर थाने में शिकायत दी।
सुरेश का आरोप था कि तत्कालीन इंस्पेक्टर ने केस रद्द करने के पैसे मांगे। कुछ दिन झगड़े का केस बेटे पर दर्ज कर दिया। 7 लाख रुपए मांगे व बड़े बेटे को बंद कर दिया। जिसके बाद पीड़ित ने 3 बार में 8 लाख रुपए दिए। सुरेश का कहना है कि एक केस तो डीसीपी मानेसर की जांच में रद्द हो चुका है, जब कि दूसरा हाई कोर्ट में चल रहा है।
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