हरियाणा में डोंकी का काम करने वाले एजेंटों ने बदले ठिकाने या कार्यालयों के नाम

Edited By Isha, Updated: 12 Mar, 2025 09:41 AM

donkey agents changed their locations or office names

युवाओं को गुमराह कर विदेश भेजनेे का लालच देकर अच्छा खासा रुपया कमा ठगी करने वाले ट्रेवल एजेंटों या कबूतरबाजों पर कुरुक्षेत्र पुलिस पूरी सख्ती से पेश आ रही है। इस संबंध में कुरुक्षेत्र पुलिस पी.आर.ओ.

कुरुक्षेत्र (कपिल): युवाओं को गुमराह कर विदेश भेजनेे का लालच देकर अच्छा खासा रुपया कमा ठगी करने वाले ट्रेवल एजेंटों या कबूतरबाजों पर कुरुक्षेत्र पुलिस पूरी सख्ती से पेश आ रही है। इस संबंध में कुरुक्षेत्र पुलिस पी.आर.ओ. नरेश कुमार से बात की गई तो उन्होंंने बताया कि कुरुक्षेत्र जिले में इस वर्ष के जनवरी महीने की शुरूआत से आज तक विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने के कुल 59 मामले दर्ज हुए हैं इन्हीं मामलों में तीन मामले अमेरिका से वापिस लौटे युवाओं द्वारा दर्ज करवाए गए हैं।


हालांकि पूर्व में दर्ज और अब दर्ज मामलों में अब तक कुल 65 गिरफ्तारियां भी हुई है। इस मामले में आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अमेरिका से कुरुक्षेत्र जिले के कुल 22 लोग डिपोर्ट किए गए थे जिनमें 2 कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र थाना क्षेत्र के हैं व एक शाहबाद थाना क्षेत्र का है। अमेरिका से वापिस लौटे 22 युवाओं में से 3 युवाओं की शिकायत पर पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए कुल तीन मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि अन्य 19 युवाओं ने किस कारण से अपनी शिकायत नही दी इस बारे कुछ कहा नही जा सकता।

 

न जाने क्या-क्या दाव पर लगाकर अमेरिका पहुंचे थे ये युवा-युवाओं में रोजगार के प्रति विदेशों की तरफ रुख करने का प्रचलन पिछले कुछ समय में बहुत ज्यादा तेजी से बढ़ा है और विदेश जाकर डालर कमाने की चाह रखने वाले युवाओं के साथ कई बार इस कदर ठगी भी हुई कि वे अपना सब-कुछ गवां बैठे और अपनी मौजूदा आर्थिक स्थिति से भी निचले पायदान पर जा पहुंचे। युवाओं के माता-पिता ने न जाने उनके उज्जवल भविष्य के लिए क्या-क्या दाव पर रखा होगा।


किसी ने अपनी थोड़ी बहुत हिस्से आती जमीन-जायदाद, प्लाट, मकान, सोना, चांदी बेचा तो किसी ने मित्रों रिश्तेदारों से भारी भरकम पैसा उधार लिया वहीं कोई बैंकों में अपनी लिमिट का पैसा इस्तेमाल कर कंगाली के कगार पर जा पहुंचे। ये युवा अमेरिका तक न जाने कितनी मुसीबतों को पार कर पहुंचे थे पर किस्मत और हालात ने इन्हें पुन: भारत में ही वापस भेज दिया। अमेरिका मेंं जाकर डालर कमाने का इन युवाओं का सपना महज सपना बनकर ही रह गया।
 

ये युवा तो अपना सब-कुछ बर्बाद कर बैठे पर इस बीच कुछ बिचोलिए अपने आप को बड़ा इमिग्रेशन एजेंट बताकर अच्छी खासी रकम कमा गए। इन फर्जी ट्रेवल एजेंंटों ने युवाओंंं की भावनाओं से खेलकर उन्हें विदेश के बड़े सपने दिखाकर उम्र भर का एक ऐसा दंश दिया है जो भुलाए नही भूलेगा। ठगी का शिकार हुए अमेरिका से वापस लौटे युवा अपनी किस्मत को रौने के अलावा और कर भी क्या सकते हैं भले ही कुछ ने इस मामले में आवाज उठाई तो कुछ ने लोकलाज के चलते चुप्पी साध ली।
 

ड़ोंकी गेम दौरान फर्जी इमिग्रेशन सैंटरों की बढ़ी तादात, दर्ज मामलों के बाद गायब-पिछले कुछ समय में जब अमेरिका भेजने का डोंकी रूट चला तो एकाएक कुकरमुत्तों की तरह इमिग्रेशन एजेंटों की तादात बढ़ गई। इतना ही नही फर्जी इमिग्रेशन सैंटरों की आड़ में एजेंट जगह-जगह दफ्तर खोलकर बैठे रहे। इन डोंकर्स ने अपने निजी फायदे के लिए न जाने कितने लोगों को अपना शिकार बनाया हो। इस बीच यह भी हो सकता है कुछ एक युवाओं की तो रास्ते में जान भी चली गई हो।

भले ही सरकार की तरफ से बार-बार हिदायतें जारी की गई कि युवा पथ भ्रमित न हों और रोजागर की तालाश में ऐसे लोगों के चंगुल में न फसें जो उन्हें गुमराह करें और विदेश भेजने के नाम पर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करें। डोंकर्स के एक समय में हौंसले इतने बुलंद रहे जिन्होंने करोड़ों रूपयों का प्रतिदिन नकद लेन-देन तक किया। जहां पैसे देने वाला और लेने वाला ही होता था जबकि इतनी बड़ी रकम को नकद देना व लेना दोनों ही जुर्म की श्रेणी में आता है और आयकर विभाग द्वारा निर्धारित नियमों के खिलाफ है। बड़े धोखों की जानकारियां होने के बावजूद भी युवा बड़े सपनों को लेकर ठगी का शिकार होते रहे यह बेहद दु:खद है।

बाक्स-पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाईयों के चलते, कईयों ने बदले कार्यालयों के नाम तो कुछ कार्यालयों को ताला लगा हुए रफूचक्कर-अमेरिका द्वारा डिपोर्ट किए गए तीन युवाओं की आई शिकायतों के बाद और सरकार की सख्ती के चलते अब पुलिस द्वारा की जा रही जांच पड़ताल का असर यह देखने को मिल रहा है कि इमिग्रेशन के नाम पर कार्यालय चला रहे डोंकर्स का काम करने वाले कुछ लोगों के दफ्तरों में और दफ्तरों के बाहर अब सुनापन छाया हुआ है इतना ही नही कईयों के दफ्तरों के बाहर तो अब ताले तक भी लटक गए, कई दफ्तरों से एजेंट कागजात तक लेकर फुर्र हो गए और कुछ ने अपना पुराने काम का बोर्ड हटाकर अपना नया नाम लिखवाकर नए काम का रुप दे दिया है। बहरहाल इस माहौल में इमिग्रेशन का फर्जी रूप से काम करने वाले बहुत से लोगों के बीच डर का पूरा माहौल बना हुआ है और एजेंट होने के दावे करने वालों ने न केवल अपने पोस्टर या फलैक्स हटाए बल्कि दफ्तर ही खाली कर दिए।


बाक्स-कैसे करें बचाव-नकली या फर्जी एजेंटों के संपर्क में आने वाले युवाओं को पूरी जांच पड़ताल करके ही अपने कागजात किसी भी एजेंट को सौंपने चाहिएं। कोई भी पैसा नकद नही देना चाहिए बल्कि रुपयों-पैसे का लेन-देन केवल बैंक के माध्यम से करना चाहिए। एजेंट का लाईसैंस वेरिफाई जरूर करवाना चाहिए। विदेश भेजने के लिए जो भी कागजात उससे लगवाए जा रहे हैं उनकी पूरी जांच पड़ताल भी कर लेनी चाहिए ताकि बाद में कागजात फर्जी पाए जाने पर वे किसी कानूनी कार्रवाई का शिकार न हों। कोई भी बैंक खाते की चेकबुक किसी एजेंंट को नही देनी चाहिए जिसमें ऐजेंंट ट्रांजेक्शन के लिए कहे।


बाक्स-सरकार का इमिग्रेशन एक्ट पर सख्त होना जरूरी-युवाओं से ठगी करने वाले एजेंटों के खिलाफ सरकार को ऐसा सख्त कानून बनाना चाहिए जो भविष्य मेें किसी भी धोखेबाज के लिए सबक बन जाए।  हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन ट्रेवल एजेंट अमैंडमैंट एक्ट 2024 को वापस रखने का प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री महिपाल ढ़ांडा द्वारा रखा गया। यह गृह मंत्रालय द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था जिसके चलते पुन: इसमें संशोधन करते हुए दोबारा सदन में रखा जाएगा यानि इस मामले में सरकार भी सख्ती के मुड में है और आने वाला समय डोंकर्स या इससे मिला जुला काम करने वाले ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कानून बनाने में जुटी है। बहरहाल अब देखना यह होगा कि अब इस मामलें और क्या-क्या सामने आता है ठगे गए युवा अपनी आवाज बुलंद करते या फिर पुन: शुन्य की तरफ अग्रसर होते हैं।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!