Edited By Isha, Updated: 18 Feb, 2025 08:46 AM
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मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होने के बाद इस गोरखधंधे से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार को महेंद्रगढ़ में इस खेल में शामिल कई कार्यालय बंद रहे।
महेंद्रगढ़(प्रदीप बालरोडिया): मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होने के बाद इस गोरखधंधे से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार को महेंद्रगढ़ में इस खेल में शामिल कई कार्यालय बंद रहे।
मजदूर यूनियन के नाम पर चल रहा यह भ्रष्टाचार सिर्फ महेंद्रगढ़ तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में फैला हुआ है। मजदूरों के शोषण में लगे इन कार्यालयों की पहचान कर सरकार ने भी कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हर जिले से ऐसे भ्रष्ट लोगों की सूची तैयार की जा रही है।
महेंद्रगढ़ शहर में मजदूर यूनियन के नाम पर करीब 8 से 10 कार्यालय खुले हुए हैं। ये कार्यालय मजदूरों की सहायता करने के बजाय उन्हें ठगने के केंद्र बने हुए हैं। गरीब और कम पढ़े-लिखे मजदूर आसानी से इनके जाल में फंस जाते हैं और योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर इनसे मनचाही रकम वसूली जाती है।
दलालों की बदली लाइफस्टाइल
इस भ्रष्टाचार में शामिल दलालों की जीवनशैली अचानक बदल गई है। उन्होंने महंगी गाड़ियां खरीद ली हैं और आलीशान मकान बना लिए हैं। अगर पिछले कुछ वर्षों के इनके आर्थिक लेन-देन की जांच की जाए, तो कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। इस खेल में सरकारी अधिकारियों की भी मिलीभगत होने की संभावना जताई जा रही है।
फाइलों पर बार-बार ऑब्जेक्शन के बावजूद मंजूरी
इस गिरोह के दलालों पर सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों का आशीर्वाद है। कई बार फाइलों में आपत्ति जताने के बावजूद, इनकी सिफारिश पर तुरंत स्वीकृति मिल जाती है। इससे जाहिर होता है कि इस भ्रष्टाचार में विभाग से जुड़े कई अधिकारी भी शामिल हैं, जो सरकार की जांच के दायरे में आ सकते हैं।
मनमाने पैसे की वसूली
विभागीय अधिकारियों के अनुसार मजदूर पंजीकरण की निर्धारित फीस 85 रुपये और मासिक शुल्क 5 रुपये है। लेकिन यह गिरोह मजदूरों से पंजीकरण के नाम पर 5500 रुपये तक वसूल रहा है। वही वर्क स्लिप के 500 रुपए और मृत्यु एवं अंतिम संस्कार हेतु आर्थिक सहायता के लिए मिलने वाली 2 लाख 15 हजार की राशि में 64 हजार तक का कमिशन वसूल रहे हैं। इसके अलावा विभाग की ओर से करीब 35 योजनाओं की मजदूरों को स्वीकृति दिलाने के नाम पर 17 से 32 प्रतिशत कमीशन वसूला जा रहा है।
सरकारी योजनाओं के नाम पर मजदूरों से ठगी का यह मामला उजागर होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। सरकार ने इस गोरखधंधे में शामिल लोगों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है और कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
मजदूरों को मिलने वाली योजनाएं
- - मुख्यमंत्री पंजीकरण प्रोत्साहन योजना
- - मातृत्व लाभ
- - पितृत्व लाभ
- - शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता
- - प्रोफेशनल/टेक्निकल कोर्सेज के लिए वित्तीय सहायता
- - व्यवसायिक/तकनीकी संस्थानों में हॉस्टल सुविधा हेतु वित्तीय सहायता
- - कामगारों के मेधावी बच्चों (छात्रों) के लिए प्रोत्साहन राशि (10वीं और 12वीं)
- - कोचिंग कक्षाओं के लिए वित्तीय सहायता
- - मुख्यमंत्री श्रमयोगी प्रतिभावान विद्यार्थी योजना
- - पंजीकृत निर्माण कर्मकार की पुत्री के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर की खरीद के लिए प्रोत्साहन
- - औजार (टूल किट) खरीदने हेतु अनुदान
- - सिलाई मशीन योजना
- - साइकिल योजना
- - मुख्यमंत्री महिला श्रमिक सम्मान योजना
- - पैतृक घर जाने पर किराया
- - मुफ्त भ्रमण सुविधा
- - सुपुत्री की शादी के लिए वित्तीय सहायता एवं कन्यादान सहायता
- - कन्यादान एवं शादी हेतु वित्तीय सहायता (शादी के तीन दिन पूर्व)
- - बोर्ड की पंजीकृत महिला श्रमिक के स्व-विवाह के लिए वित्तीय सहायता
- - बच्चों की शादी पर वित्तीय सहायता (सुपुत्र)
- - घातक बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सहायता
- - चिकित्सा सहायता (मजदूरी क्षतिपूर्ति)
- - अक्षम बच्चों को वित्तीय सहायता
- - पेंशन योजना
- - विधवा पेंशन
- - पारिवारिक पेंशन
- - अपंगता पेंशन
- - अपंगता सहायता
- - मुख्यमंत्री श्रमिक सामाजिक सुरक्षा योजना एवं अंतिम संस्कार हेतु आर्थिक सहायता
- - मृत्यु एवं अंतिम संस्कार हेतु आर्थिक सहायता
- - अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर सहायता
- - मकान की खरीद/निर्माण हेतु ऋण