Edited By Shivam, Updated: 04 May, 2021 11:12 AM
कोरोना की जंग जीतना है, तो सामूहिक प्रयास करना होंगे और एकजुटता के साथ नियमों का पालन करना होगा। नांगल चौधरी में सोमवार सुबह सब्जी मंडी के जो नजारे देखे उससे तो साफ लगा कि लोगों को ना तो कोरोना का भय है ना ही सरकार के आदेशों का। लोग खुलेआम सोशल...
नांगल चौधरी (योगेंद्र सिंह): कोरोना की जंग जीतना है, तो सामूहिक प्रयास करना होंगे और एकजुटता के साथ नियमों का पालन करना होगा। नांगल चौधरी में सोमवार सुबह सब्जी मंडी के जो नजारे देखे उससे तो साफ लगा कि लोगों को ना तो कोरोना का भय है ना ही सरकार के आदेशों का। लोग खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे थे तो मास्क तो नाममात्र का लगाया हुआ था। यह अलग बात है कि मीडिया को देखने उपरांत कुछ ने मास्क लगाया तो किसी ने गमछा से मुंह ढंक लिया।
एक बाइक सवार ने फोटो खींचते देखा तो कुछ नहीं मिला तो उसने अपने हाथ से नाक दबाकर उसे ही मास्क बताने का प्रयास किया। बात साफ हो चुकी है कि दिल्ली-एनसीआर जैसे हालात अब दक्षिण हरियाणा के छोटे कस्बे, शहर व गांव में निर्मित होने लगे हैं। सरकारी आंकड़े भी इसी बात की पुष्टि कर रहे हैं। हालात बिगड़ते देखकर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया लेकिन लोग फिर भी नियमों की पालना करने को तैयार नहीं हैं।
पंजाब केसरी ने सोमवार सुबह जब नांगल चौधरी सब्जी मंडी का जायजा लिया तो वहां के हालात आम दिनों के समान ही नजर आए। लोग ना तो मास्क लगाए नजर आए ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को तैयार थे। सेनेटाइजर की यहां बात करना तो बेमानी है। मीडिया को देखकर जरूर कुछ लोगों ने मास्क लगाए तो कुछ ने खानापूर्ति की। लोग यह समझने को तैयार नहीं कि गाइड लाइन का पालन नहीं किया तो उन्हें एवं उनके परिवार को भी दिक्कत हो सकती है। जबकि प्रशासन लगातार गाइड लाइन पालन का संदेश दे रहा है।
हालांकि सोमवार को मंडी के हालत देखने उपरांत यह तो साफ हो गया कि मंडी समिति एवं उनके अधिकारी भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। यदि यह व्यापारी, लोग व किसानों को समझाईश दें तो कुछ तो हालात बदलेंगे ही।
सब्जी नहीं लें तो खाएं क्या
सब्जी खरीदने आए बलवंत ने बताया कि घर से फरमान था सब्जी लाने का इसलिए आ गए। जल्दबाजी में मास्क नहीं लगा पाए। वैसे भी सुबह का समय है, दोपहर में लगा लेंगे। सब्जी नहीं लेने आते तो फिर खाने में खाएं क्या। वहीं बाइक सवार अनिल का कहना है कि मास्क लाना भूल गया। मित्र के साथ जल्दबाजी में सब्जी मंडी आ गया था। एक अन्य रघुराज का कहना था कि गांव में कोई बीमारी नहीं है। कोरोना बड़े शहर एवं बड़े लोगों की बीमारी है। हम मेहनत करने वाले लोग हैं, हमारा कोरोना कया बिगाड़ेगा।
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